Shardul Thakur : महज 15 साल की उम्र में छोड़ा घर, लोकल ट्रेन में किया सफर, जानें- शार्दुल कैसे बने ‘लॉर्ड ठाकुर’

Shardul Thakur : भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। शार्दुल का जन्म 16 अक्टूबर 1991 में हुआ था। शार्दुल महाराष्ट्र स्थित पालघर के रहने वाले हैं। शार्दुल एक ऐसे खिलाड़ी है जो शानदार बल्लेबाजी के साथ-साथ बॉलिंग भी बेहतरीन करते हैं।

कुल मिलाकर इन्हें जहां खड़ा कर दिया जाए वहीं फिट हो जाते हैं। साथ ही शार्दुल क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा नाम बन गए हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इनका काफी संघर्ष रहा है। तो आइए आज विस्तार से जानते हैं।

शार्दुल ठाकुर ने आज भारतीय टीम में अपनी अलग जगह बनाई है और करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें लोकल ट्रेन से सफर करना पड़ा। क्रिकेट के प्रति उनके जुनून के कारण उन्हें 15 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़ना पड़ा था।

कोच की वाइफ में किया मदद : दरअसल शार्दुल ठाकुर को बचपन से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी। उन्होंने अपने स्कूल के लिए असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन भी किया था। एक दिन ऐसे ही एक मैच में अपने स्कूल के लिए खेलते हुए उसने विरोधी टीम के कोच को प्रभावित किया, जिसके बाद उसने शार्दुल को अपने स्कूल आने को कहा लेकिन दूरी बहुत अधिक होने के कारण उसके पिता ने मना कर दिया। जिसके बाद कोच ने उनकी पत्नी से पूछा और दोनों ने शार्दुल को अपने घर पर रख लिया।

कभी करीबी बीता दिन, आज अरबों के मालिक शार्दुल ठाकुर को पहला ब्रेक तब मिला जब उनका चयन अंडर-15 टीम में हुआ। इस दौरान वह सिर्फ प्रैक्टिस के लिए लोकल ट्रेन से सफर करते थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। जिसके बाद उन्होंने भारतीय टीम में डेब्यू भी किया।

शार्दुल ठाकुर ने अब तक भारतीय टीम के लिए कुल आठ टेस्ट, 27 वनडे और 25 टी20 मैच खेले हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 24.44 की औसत से 27, वनडे में 33.36 की औसत से 39 और टी20 क्रिकेट में 23.39 की औसत से 33 सफलता हासिल की है। उनके बर्थडे पर उनकी पत्नी ने भी उन्हें विश किया है, जिस पर उन्होंने थैंक यू लिखा है।