Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग में 12 तारीख से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। सभी कार्यकर्ताओं का वीडियो सामने आया है।
दरअसल, सुरंग (Uttarakhand Tunnel Collapse) में एक कैमरा भेजा गया था, जिसके जरिए वहां फंसे मजदूरों से बात करना संभव हो सका। पहली बार मजदूरों के लिए खिचड़ी भेजी गयी। यह खाना 6 इंच चौड़े पाइप के जरिए बोतलों में मजदूरों तक पहुंचाया जाता था।
First visuals of trapped workers from the #UttarakhandTunnelCollapse! Only their families know the real significance of this clip. Let’s all pray harder today than we did on 19th for Team India.
— Pranav Pratap Singh (@PranavMatraaPPS) November 21, 2023
जय श्री हनुमान! जय श्री राम!#ThankfulTuesday pic.twitter.com/glovyrhZL5
टनल में मौजूद मजदूरों और लोगों का हाल जानने के लिए एक पाइप के जरिए टनल (Uttarakhand Tunnel Collapse) में कैमरा भेजा गया है। इसमें सुरंग के अंदर के हालात को कैद किया गया है। अधिकारियों ने वॉकी-टॉकी के जरिए कार्यकर्ता से बात की।
सुरंग के अंदर के फुटेज से पता चलता है कि कैसे उन्हें 10 दिनों तक सुरंग में रहना पड़ा। मजदूरों को बचाने में शामिल कर्नल दीपक पाटिल ने कहा, हम सुरंग में फंसे लोगों को भोजन, मोबाइल फोन और चार्जर भेजने की कोशिश कर रहे हैं। हम अंदर वाईफाई कनेक्शन स्थापित करने का प्रयास करेंगे
This is that 'American Auger' machine, which was airlifted from Delhi to Uttarkashi by airforce. The machine has inserted 900mm Dia pipes 21metre into the rubble. #TunnelCollapse #UttarakhandTunnel #UttarakhandTunnelCollapse pic.twitter.com/dAbDfCmMow
— Gaurav Talwar (@gauravtalwarTOI) November 17, 2023
सोमवार की रात सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए 24 बोतल खिचड़ी भेजी गई। 9 दिन बाद पहली बार मजदूरों को भरपेट भोजन मिला। इसके अलावा संतरे, सेब का जूस और नींबू पानी भेजा गया। आज श्रमिकों के लिए अन्य खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। अब तक सिर्फ मल्टी विटामिन और ड्राई फ्रूट्स ही पाइप के जरिए भेजे जाते रहे हैं।
टनल से मजदूरों को निकालने के लिए 5 प्लान बनाए गए हैं। फिलहाल एजेंसी दो योजनाओं पर काम कर रही है। पहली अमेरिकी बरमा मशीन सुरंग के ढेर में 800-900 मिमी स्टील पाइप डालने का प्रयास कर रही है। ताकि इस पाइप के सहारे मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। ऑगर मशीन की मदद से 24 मीटर खुदाई भी की गई। लेकिन, मशीन खराब हो गयी। इसके बाद काम बंद हो गया।