6thमें फेल हुई थी..बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में बन गई IAS..

डेस्क : यूपीएससी का क्रिएट भारत में सबसे ज्यादा है सरकारी नौकरी में यह सबसे प्रतिष्ठित नौकरी में से एक है देश के युवा यूपीएससी में करियर बनाने को जी तोड़ मेहनत भी करते हैं और लाबासना जाने के लिए दिन रात मेहनत करते रहते हैं हजारों छात्र जी जान से यूपीएससी की तैयारी करते हैं लेकिन उसमें से कुछ ही यूपीएससी को पास कर सिविल सेवा में जाकर देश का नाम रोशन करते हैं

यूपीएससी पास करने के लिए आपका मेधावी होना आवश्यक नहीं है बल्कि यूपीएससी पास करने के लिए आपके पास जुनून लगन धैर्य और मेहनत करने की पर्याप्त क्षमता होनी चाहिए कभी-कभी ऐसे छात्र भी यूपीएससी परीक्षाओं को पास कर सिविल सेवा में अपना करियर बनाते हैं जो अपने शुरुआती दिनों में पढ़ाई में काफी कमजोर रहे हैं

और जिन्हें उनके अध्यापक और घरवालों ने भी निकम्मा घोषित कर दिया था, ऐसी ही यूपीएससी पास करने वाली आईएएस है रुकमणी जो शुरू से मेधावी छात्रा नहीं थी लेकिन उन्होंने यूपीएससी को पास करके अपना परचम लहरा दिया, आईएस आक्रमण की कहानी यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए काफी प्रेरणादायक है IAS रुक्मणि आज भले ही आईएएस हो लेकिन एक समय हो छठी कक्षा में फेल हो गई थी, इसके बाद उन्होंने इस असफलता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और निरंतर प्रयास करके आगे बढ़ती गई

अवसाद का शिकार आईएस रुक्मणी: अगर दैनिक भास्कर की रिपोर्ट की माने तो रुकमणी इस समय मानसिक रूप से बहुत परेशान थी और अवसाद में चली गई थी, एक समय अपनी असफलता से वह लगातार पीछा नहीं छुड़ा पा रही थी जिसकी वजह से उनको मानसिक रूप से काफी समय तक परेशान रहना पड़ा था, वही वह अपने साथी छात्र छात्रों और अध्यापकों से भी बात करने में कतराने नहीं लगी थी,

धीरे-धीरे उन्होंने अपनी इस परेशानी से निकलना ही ठीक समझा और ट्वेल्थ के बाद स्नातक किया फिर परास्नातक में गोल्ड मेडल हासिल किया इसके बाद वह एक एनजीओ से जुड़ गई और उसके साथ काम करने लगी एनजीओ से काम करते हुए ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी की और एनजीओ से जुड़े रहकर उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा भी उत्तीर्ण की, रुक्मणी ने एनजीओ के साथ काम करते हुए यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में दूसरी रैंक लाकर अपनी सफलता का डंका बजा दिया