गर्व! मजदूर की बेटी का कमाल – धूल रहित थ्रेशर का बनाया मॉडल, राष्ट्रीय स्तर पर नामित..

डेस्क : कक्षा 8 की छात्रा पूजा ने तो कमाल कर दिया है. उन्होंने अपने विज्ञान शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के प्रयास से इंस्पायर अवार्ड के लिए आवेदन किया था. पूजा के धूल रहित थ्रेशर का मॉडल जिले स्तर के बाद अब प्रदेश स्तर के लिए भी चुना गया है. इसके बाद से जब प्रदेश स्तर पर मूल्यांकन हुआ तो उसे राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए भी चुन लिया गया.

तिरपाल व घासफूस से बनी झोपड़ी में रहने वाली पूजा एक गरीब और साधारण परिवार से आती है. पूजा के पिता पुत्तीलाल एक दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि उनकी माता सुनीला देवी महीने में 1500 रुपये मानदेय पर उसी सरकारी स्कूल में रसोईया हैं जहां पूजा पढ़ती है.ऐसे मुश्किल हालात में भी पूजा ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. वो सरकारी स्कूल में अब पैदल पढ़ने जाती है

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से इंस्पायर अवार्ड दिया जाता है. इसमें सरकारी व निजी स्कूलों के कक्षा 6 से 10 तक के बच्चे जिला स्तर पर अपने वैज्ञानिक मॉडल को पेश करते हैं. सिरौली गौसपुर ब्लॉक के ग्राम अगेहरा गांव की रहने वाली पूजा गांव से करीब 1 KM दूर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 8 की छात्रा है. अब पूजा के इस थ्रेशर वाले मॉडल का मूल्यांकन देश के वरिष्ठ वैैज्ञानिकों का प्रतिनिधि मंडल करेगा.

स्कूल में आ रही धूल से मिला पूजा को आइडिया

शिक्षक राजीव श्रीवास्तव यह बताते है कि 1 साल पहले विद्यालय के पास एक थ्रेशर में गेहूं की कटाई हो रही थी. धूल विद्यालय की तरफ आ रही थी. सभी बच्चे परेशान थे. तब पूजा ने ही यह विचार सुझाया कि क्यों न ऐसा थ्रेशर हो जो कि धूल न फैलाए. बस इसी सोच पर उसने अपना काम करना शुरू किया. कुछ कबाड़ के सामान से थ्रेशर का मॉडल तैयार किया. शिक्षक ने इंस्पायर अवार्ड के लिए उसका online आवेदन करा दिया.