गरीब पिता को थाने में नहीं दिया बैठने, बेटा DSP बन लिया बदला जानिए – दिलचस्प कहानी

DSP Nitish Tiwari: दुष्यंत कुमार की पंक्ति “कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले नितेश तिवारी ने चरितार्थ कर दिया है। नितेश तिवारी (DSP Nitish Tiwari) बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

अपने मेहनत और लगन के बलबूते UP PCS 2022 की परीक्षा में 47 वी रैंक लाकर माता पिता का नाम रोशन किया है। अब नीतीश को तिवारी डीएसपी बन गए हैं। इस सफर में इनके पिता का काफी सहयोग रहा। आज हम इनसे जुड़े एक किस्सा बताएंगे जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

नीतीश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से की। उसने 12वीं तक की पढ़ाई केवी इंटर कॉलेज से की है। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक किया। नीतीश के पिता अरविंद त्रिपाठी किसान हैं। घर के हालात को बेहतर समझने वाले पिता ने कभी सिविल सर्विस की तैयारी के लिए हामी नहीं भरी। क्योंकि उनके पास इतना पैसा और सुविधाएं नहीं थीं कि वह अपने बेटे को पढ़ाई के लिए बाहर भेज सकें।

लेकिन जो बेटे की चाहत के लिए नहीं हो सका, उसके लिए भी हिम्मत जुटाई और उसे पढ़ने के लिए विदेश भेज दिया। इसी दौर में एक ऐसा वक्त भी आया जब मैंने अपने बेटे से कहा, कोई प्राइवेट जॉब कर लो, अब पढ़ाने की हिम्मत नहीं है। लेकिन बेटा मेहनत करता रहा।

बता दें कि जिस दिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट जारी किया था, उसी दिन नीतीश के पिता अरविंद त्रिपाठी किसी काम से थाने गए थे। वहाँ बैठने के लिए बनी कई कुर्सियाँ खाली थीं लेकिन उनके पिता को बाहर बैठने के लिए कहा गया। वहीं बेटे नीतीश ने उन्हें बताया कि वह डीएसपी बन गए हैं।

कहीं पिता को कुर्सी पर न बिठाकर बेटे के डीएसपी बनने की खबर उसी क्षण मिल जाए। किसी फिल्म का सीन लग रहा है। लेकिन यह सच है। नीतीश का सपना अब आईएएस बनने का है। नीतीश के छोटे भाई भी उन्हीं की तरह अफसर बनना चाहते हैं।