Delhi से Jaipur का सफर 2 घंटे में होगा पूरा- चलेगी शानदार लग्जरी Electric Bus, जानें – किराया…

Electric Buses : दिल्ली के बाद अब राजस्थान में भी इलेक्ट्रिक बसे के चलने की मंजूरी दे दी गई है। इस दौरान राजस्थान के जयपुर समेत 7 बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बस (Electric Bus) चलाने की मंजूरी मिली है। जिनमें जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, उदयपुर और बीकानेर शहर शामिल है। इलेक्ट्रिक बसों के चलन से लोगों को प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी। इस दौरान 500 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने ही बताया कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग पर इलेक्ट्रिक केबल डालकर इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी की जाएगी। इसके बाद दिल्ली से जयपुर मात्र 2 घंटे में यात्री पहुंच पाएंगे। साथ ही डीजल बस की तुलना में इलेक्ट्रिक बस का किराया 30 फ़ीसदी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। नितिन गडकरी ने बताया कि नवंबर 2024 तक यह काम पूरा हो जाएगा तथा मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि दिल्ली से जयपुर का सफर आप मात्र 2 घंटे में ही पूरा कर पाएंगे।

500 इलेक्ट्रिक बसों का होगा संचलन

शासन विभाग की ओर से कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड सीईएसएल के माध्यम से 500 इलेक्ट्रिक बस का संचालन किया जाएगा। जिनमें राजस्थान की राजधानी जयपुर में 300, उदयपुर में 35, जोधपुर में 70, अजमेर में 30, बीकानेर-भरतपुर में 15 और कोटा में 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों के चलने से न केवल पेट्रोल और डीजल की खपत कम होगी बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचेगा।

2025 तक दिल्ली में होगी 10000 इलेक्ट्रिक बस

इस बार दिल्ली के बजट में इलेक्ट्रिक बसों के लिए 510 करोड रुपए मंजूर किए गए हैं। बता दे की दिल्ली 1650 इलेक्ट्रिक बसों के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहनों वाला शहर बन गया है। वहीं दिल्ली में साल 2025 तक करीब 10000 इलेक्ट्रिक बस हो जाएगी।

इलेक्ट्रिक बसों की खासियत

बाजार में इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही अब इलेक्ट्रिक बसों का चलन भी बढ़ने लगा है। दरअसल इलेक्ट्रिक बसों (Electric Bus) के चलने से पेट्रोल और डीजल की खपत तो कम होती ही है बल्कि वातावरण भी प्रदूषणरहित रहता है। क्योंकि डीजल वाहनों से हानिकारक स्मोक और पेट्रोल वाहनों से हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। यही वजह है कि सरकार धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक बसों पर ज्यादा जोर दे रही है।