ECI on Bengal SIR

ECI on Bengal SIR : बंगाल में मतदाता सूची से काटे गए 58 लाख नाम, हटाए गए लोगों की जारी हुई सूची

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ECI on Bengal SIR: चुनाव आयोग ने विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision) 2026 के तहत पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया है. कमीशन ने मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 को जारी ड्राफ्ट लिस्ट के साथ आयोग ने उन मतदाताओं की एक अलग सूची भी सार्वजनिक की है जिनके नाम 2025 की मतदाता सूची में शामिल थे लेकिन अब उनके नाम 2026 में मसौदा सूची से हटा दिए गए हैं. इस लिस्ट को जारी कर इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है. इससे पहले बंगाल में SIR 2022 में किया गया था.

ECI के अनुसार यह शंशोधन जनगणना से प्राप्त फीडबैक और जमीनी सत्यापन के आधार पर किया गया है.बंगाल में मतदाता सूची का यह मसौदा पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा चुनाव आयोग के मतदाता पोर्टल और ECINET एप्लिकेशन पर भी उपलब्ध करा दिया गया है. ऐसा इसलिए है ताकि नागरिक आसानी से अपने नाम और विवरण की जानकारी ले सकें.

ECI on Bengal SIR: क्यों हटाए गए नाम
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस बार संग्रहणीय SIR जनगणना प्रपत्रों की संख्या 58 लाख से अधिक रही है. इन्हीं के आधार पर बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 24 लाख से अधिक मतदाताओं को ‘मृत’ श्रेणी में चिह्नित किया गया है. वहीं 12 लाख से ज्यादा मतदाता अपने पंजीकृत पते पर उपलब्ध नहीं पाए गए. इसके अलावा करीब 20 लाख मतदाता स्थायी रुप से अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्रों से स्थानांतरित हो चुका है. 1.38 लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज पाए गए जिन्हें डुप्लीकेट मानते हुए सूची से हटाया गया.

चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची की शुद्धता निष्पक्ष चुनाव के लिए बेहद जरुरी है. मृत, स्थानांतरित या अपात्र मतदाताओं के नाम सूची में बने रहने से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं. इसी कारण SIR प्रक्रिया के तहत ये अभ्यास व्यापक स्तर पर किया गया है.

ECI on Bengal SIR: किया जाएगा सुधार
इस लिस्ट के प्रकाशन के साथ ही SIR का पहला चरण पूरा हो गया है. चुनाव आयोग ने इस सूची को जारी करने के बाद साफ तौर पर कहा है कि यह अंतिम सूची नहीं है. जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं या जिन विवरणों में मतदाताओं को कोई गलती लगती है उन्हें दावा और आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अवसर दिया जाएगा. इसके लिए राज्य के विभिन्न इलाकों में सहायता केंद्र सिविर लगाए जा रहे हैं. इन जगहों में चुनाव आयोग के अधिकारी मतदाताओं को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करने में मदद करेंगे.

ECI on Bengal SIR: जमकर हो रहा विरोध
मतदाता सूची से 58 लाख नाम काटे जाने का जमकर विरोध हो रहा है. तृणमूल की सांसद सौगत रॉय ने इसे अन्याय बताया है. उन्होंने इसे भाजपा की साजिश बताया है. अब इस सूची के आने के बाद बंगाल में हंगामा तेज होने की और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए जाने की उम्मीद है. सीएम ममता बनर्जी ने भी इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए केंद्र और चुनाव आयोग पर चुनाव से पहले लाखों नाम हटाने के लिए एसआईआऱ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

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