Parliament Rule : क्या निलंबित होने पर सांसदों की भी सैलरी कट जाती हैं? जानें- क्या है कानून…
Parliament Rule : हाल ही में संसद की सुरक्षा में चूक होने के बाद दोनों सदन में हंगामा हो गया और इसके कारण दोनों सदनों में काफी हंगामा हो गया और सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस तरह से सांसदों का निलंबन हो जाने के बाद सवाल खड़ा होता है कि क्या निलंबन के बाद सांसदों के वेतन और भत्ते में कोई कटौती होगी या उनके अधिकार कम कर दिए जाएंगे? इन सभी सवालों का जवाब सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आशीष पांडे ने दिया है जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
क्यों होता है निलंबन?
सदन की कार्रवाई को बिना किसी परेशानी के चलाने का काम लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति का होता है। अगर कोई सांसद इसमें परेशानी पैदा करता है तो वह उसे सदन से बाहर जाने के लिए कह सकते हैं। नियम 374 के अनुसार अगर कोई सदस्य अध्यक्ष के अधिकार की अवहेलना करता है तो पूरे सत्र के लिए उसे सदन से बाहर किया जा सकता है।
सांसदों का निलंबन कुछ खास स्थितियों में होता है। जैसे – संसदीय कार्यवाही में बाधा डालना, कार्यवाही के दौरान अशांति पैदा करना, सरकार की गैर जवाबदेही के लिए प्रतिशोध जैसा रवैया अपनाना।
क्या काम नहीं कर पाते निलंबित सांसद?
निलंबित सांसद पूरे सत्र के लिए बाहर हो जाते हैं और अलग-अलग बैठकों में भाग भी नहीं ले सकते। उनके पास नोटिस देने का अधिकार नहीं होता, न ही किसी चर्चा का हिस्सा बन सकते है। वह सरकार से सवाल नहीं कर सकते और किसी भी जवाब के हकदार नहीं है।
क्या रुक जाती है सैलरी और भत्ते?
इसका जवाब है कि अगर सांसद को निलंबित कर दिया जाता है तो उन्हें कॉन्स्टीट्यूएंसी अलाउंस, कार्यालय और स्टेशनरी समेत अलग-अलग भत्ते मिलते रहेंगे। लेकिन बतौर सांसद सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वह सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होते हैं।
सत्र समाप्ति से पहले कैसे खत्म हो सांसदों का निलंबन?
वैसे तो पूरे सत्र के लिए सांसदों का निलंबन कर दिया जाता है लेकिन वे चाहे तो इसे खत्म भी कर सकते है। अगर सांसद अध्यक्ष और सभापति से माफ़ी मांगता है और उन्हें लगता है कि मामला माफ़ी के लायक है तो सांसदों का निलंबन रोका जा सकता है।