Mulayam Singh की विरासत बचाने उतरी बहू डिंपल, जानें – कैसे तय होगा समीकरण..

डेस्क : उत्तर प्रदेश में उपचुनावों को लेकर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर-खतौली विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होना है। समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी और खतौली से अपने प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा दी है, वहीं रामपुर से आजम खान की पत्‍नी डॉ.तजीन फात्‍मा के नाम की चर्चा तेज है। जबकि BJP ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा सीट डिंपल यादव को टिकट दिया है। वहीं रामपुर से आजम खान की पत्‍नी डॉ.तजीन फात्‍मा के नाम की चर्चा तेज है। जबकि खतौली उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोकदल-समाजवादी पार्टी गठबंधन द्वारा मदन भैया को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने जिस सीट से मुलायम सिंह यादव की बहु और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी को उम्मीदवार बनाया वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक की विरासत है, जिसे अखिलेश यादव हर हाल में बचाना चाहते है। मुलायम सिंह मैनपुरी से लंबे वक़्त तक सांसद रहे है। ऐसे में इस सीट से सपा को जीत हासिल करना अहम हो जाता है।

नेता जी ने 2019 में अंतिम बाद लड़ा लोकसभा चुनाव (subhead) : बीते 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम (Gurugram) के एक अस्पताल में निधन हो गया था। 1996 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद जब पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ तो नेता जी ने जीत दर्ज कर सांसद पद संभाला।

लेकिन 1998 में फिर लोकसभा चुनाव हुआ। तब सपा ने कांग्रेस के पूर्व सांसद बलराम सिंह यादव को मैनपुरी से अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल की। 1999 में भी सपा ने बलराम सिंह को ही उम्मीदवार बनाया और जीते भी।2004 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह खुद एक बार फिर मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद साल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने नेता जी को ही उम्मीदवार बनाया और जीत दर्ज की। हालांकि 2019 के चुनाव में नेताजी के जीत का अंतर काफी कम था।