Driving License बनवाने के नियमों में बदलाव! अब इतने दिन पहले काटना पड़ेगा चालान, जानें –

Driving License : हाल ही में बिहार में लाइसेंस बनवाने के नियमों में कुछ बदलाव किए गए। राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। लाइसेंस बनवाने के लिए आपको कई चरणों से गुजरना पड़ता है। ध्यान रहे कि टेस्टिंग ऑफलाइन होती है, जिसके लिए आवेदक अपने हिसाब से तारीख का चुनाव कर सकते हैं। वहीं टेस्टिंग स्लॉट में वेटिंग के कारण लोगों को कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है।

लर्निंग लाइसेंस की वैलिडिटी 6 महीने होती है, इसके बनने के 1 महीने बाद फाइनल लाइसेंस के लिए अप्लाई किया जाता है। लेकिन इन दोनों में स्लॉट कम मिलने की वजह से 2 हफ्ते से ज्यादा का वेटिंग चल रहा है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं.

जिनमें चालान काटा गया लेकिन स्लॉट बुकिंग में जगह नहीं होने के कारण जिस दिन स्लॉट बुकिंग का समय आया उस दिन लर्निंग लाइसेंस की वैधता समाप्त हो गई। कई बार जानकारी के अभाव में वाहन मालिक फाइनल लाइसेंस का चालान काटने में देरी कर देते हैं। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि जिस ड्राइवर का लर्निंग लाइसेंस 1 महीने के लिए वैलिड है, उसका फाइनल चालान काट लिया जाए।

इस संबंध में डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। लर्निंग लाइसेंस के बाद ड्राइवर को जो समय मिलता है। उसमें चतुर जो पूरी तरह से ड्राइविंग सीखता है। चालान और स्लॉट सभी केंद्रीय सर्वर से जुड़े हैं। ऐसे में ड्राइवर को इसकी वैलिडिटी का ध्यान रखना चाहिए।

लर्निंग लाइसेंस में टेस्टिंग के लिए रात 11 बजे से लेकर सुबह 12 बजे तक ही स्लॉट बुक किया जाता है। जबकि दिन में दोपहर 1:00 बजे से रात 8:00 बजे तक फाइनल लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया जाता है। यदि अंतिम लाइसेंस का चालान कटने के बाद परीक्षण स्लॉट के समय लर्निंग लाइसेंस की वैधता समाप्त हो रही है, तो ड्राइवर के वार्षिक लर्निंग लाइसेंस के लिए चालान नहीं काटा जाता है।