सुख-शांति की तलाश में करोड़ों की संपत्ति दान कर संन्यास लेने जा रहा है ये परिवार

न्यूज़ डेस्क: कई बार लोग जीवन भर पैसों के पीछे भागने के चक्कर में अपना सब कुछ खो देते हैं, ताकि वह पैसा और दौलत कमा सकें। लेकिन दुनिया में कई ऐसे लोग भी हैं जो सब कुछ होने के बाद भी सुख-शांति के लिए संन्यास लेने को तैयार रहते हैं। ऐसा ही मामला गुजरात के भुज जिले से सामने आया है। जिसमें एक परिवार के कई लोगों ने दीक्षा लेने का फैसला किया है। यह परिवार अपनी सारी संपत्ति दान कर सन्यास लेगा।

जैन धर्म को मानने वाले मुमाक्ष पीयूष कांतिलाल मेहता, उनकी पत्नी पूर्वी बेन, बेटे मेघ कुमार और भतीजे कृष्ण कुमार निकुंज ने दीक्षा लेने का फैसला किया है। यह परिवार श्री कोटि स्थानकवासी जैन संघ से दीक्षा लेगा। पीयूष भाई के परिवार ने दीक्षा लेने से पहले अपनी पूरी संपत्ति दान करने का फैसला किया है। पीयूष भाई का भुज में रेडीमेड गारमेंट्स का बिजनेस है। बताया जा रहा है कि उनकी सालाना आय एक करोड़ रुपये है। परिवार ने दौलत छोड़कर दीक्षा लेने का फैसला किया है।

इस मौके पर एक भव्य समारोह आयोजित करने की भी तैयारी है। बता दें कि इससे पहले भी क्षेत्र के एक परिवार के 19 सदस्यों ने दीक्षा ली थी। कहा जाता है कि हजारों साल पहले यहां 8 बहनों ने एक साथ दीक्षा ली थी। तब से यह सिलसिला चल रहा है। दीक्षा समारोह बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया जाता है। इस आयोजन को देखने दूर-दूर से जैन समाज के लोग पहुंचते हैं।

बता दें कि दीक्षा लेने के बाद जीवन में गुजारा करना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि जैन मुनि और नन कभी खुद खाना नहीं बनाते। बल्कि भिक्षा से जो मिलता है, वही खाते हैं। उनका जीवन बहुत कठिन है। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में जैन धर्म में किशोरों और युवाओं में संत और साध्वी बनने का चलन तेजी से बढ़ा है। हाल ही में एक हीरा व्यापारी की 8 साल की बेटी का दीक्षा हुई थी