यात्रीगण ध्यान दें! Train में बर्थ पर सोने के नियम बदले? जानें – कितने बजे मिडिल बर्थ को खोलना है जरूरी..

डेस्क : भारतीय रेल हिंदुस्तान की जान कहीं जाती है भारत में रेल से प्रतिदिन को रोडवेज जात्रा करते हैं सफर करते हैं हालांकि रेल में यात्रा से जुड़े ढेर सारे नियमों के बारे में यात्रियों को जानकारी नहीं होती है उनमें जानकारियों का अभाव होता है कई यात्रियों को जिस बर्थ पर वह बैठते हैं उस से जुड़े नियम भी नहीं पता होते,

अक्सर ही हमें अपनी पसंद के अनुसार सीट नहीं मिलती है जो कि रेलवे के पास सीमित बर्थ या सीट होती है कई बार ऐसा होता है कि मिडिल बर्थ पर सोने को लेकर विवाद भी पैदा हो जाता है इस परिस्थिति में यह जानना बेहद जरूरी है कि यात्रा के समय किन किन नियमों का हमें पालन करना चाहिए

रेल से सफर के दौरान ही अक्सर लोग मिडिल बर्थ लेने से बचते रहते हैं क्योंकि लोअर बर्थ पर कई बार यात्री देर रात तक बैठे रहते हैं जिससे मिडिल बर्थ वाले यात्री को सोने में काफी दिक्कत होती है इसके अलावा कई बार मिडिल बर्थ पर बैठने वाले यात्री रेलगाड़ी चलते ही अपने बर्ड्स को खोल लेते हैं और इससे लोअर बर्थ पर बैठे लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

क्या है लोअर और मिडिल बर्थ से जुड़े नियम:

रेल में सफर के दौरान ट्रेन में बर्थ को लेकर होने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इंडियन रेलवे ने कुछ खास नियम बनाए हैं इन रेलवे के इस नियमों के अनुसार मिडिल बर्थ वाला यात्री रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक अपनी बर्थ को खोल कर आराम से सो सकता है लेकिन यदि यात्री रात 10:00 बजे से पहले ही अपनी बर्थ को खोलता है तो उसे ऐसा करने से आप रोक सकते हैं ठीक बिल्कुल इसी प्रकार अगर आपकी मिडिल बर्थ है और लोअर बर्थ वाला यात्री आपको खोलने से रोकता है तो आप उसे भारतीय रेल के इस नियम की जानकारी देकर अपनी बर्थ को खोलकर बड़े आराम से सो सकते हैं