डेस्क : इकोनॉमिक्स इंटेलिजेंस यूनिट में अमेरिका का न्यूयॉर्क और सिंगापुर पहले स्थान पर काबिज हैं EIU किस्त आजा तने रिपोर्ट में अमेरिका का नहीं और पहली बार प्रथम स्थान पर काबिज हुआ है वही सिंगापुर भी संयुक्त रूप से पहले स्थान पर विराजमान है। इसका मुख्य कारण अमेरिका में आई महंगाई में भारी उछाल है पिछली बार tel-aviv इस सूची में पहले स्थान पर था जो लुढ़क कर तीसरे पायदान पर आ गया है.
ईआईयू में हर रोज इस्तेमाल होने वाले करीब 200 उत्पादों की तुलना की गई जिसमें रेस्टोरेंट खाना-पीना रोजमर्रा के खर्च, ट्रांसपोर्ट भी शामिल है. EIU ने कुल 172 देशों की तुलना अपने इंडेक्स में की थी जिसमें अमेरिका का न्यूयॉर्क और सिंगापुर संयुक्त रूप से पहले स्थान पर काबिज है, इंडेक्स में महंगाई को 100 अंकों में मापा गया है और इंडस्ट का हाईएस्ट स्कोर विश्व है अमेरिका के न्यूयॉर्क और सिंगापुर को 100 में से 100 अंक मिले हैं जबकि tel-aviv को 99 अंक के साथ तीसरा स्थान प्रदान किया गया है.
न्यूयॉर्क में हेयर कटिंग का क्या है रेट: आमतौर पर हेयर कटिंग भारत में काफी सस्ते दाम में होती है ₹50 से लेकर ₹500 तक अलग-अलग सलून में हेयर कटिंग के दाम निर्धारित किए जाते हैं लेकिन अमेरिका के न्यूयॉर्क में हेयर कटिंग कराने की कीमत ₹5000 भारतीय मुद्रा है इसका कारण अमेरिका में आई महंगाई है, वही सिंगापुर में 60 से $80 में आप हेयर कटिंग करवा सकते हैं, वहीं सामान्य तौर पर एक रेस्टोरेंट में 2 लोगों के खाने की कीमत ₹5000 तक हो गई है
रूस और यूक्रेन के युद्ध का है प्रभाव: न्यूयॉर्क और सिंगापुर में महंगाई का सबसे बड़ा कारण रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध का ही प्रभाव है, इस युद्ध ने दुनिया भर के बड़े शहरों में एवरेज लिविंग ऑफ कास्ट को 8.1 फ़ीसदी तक बढ़ा दिया है, इसके अलावा कुछ कारण कोविड-19 जैसी महामारी का भी है कुवैत के दौरान दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था गिर गई थी जिससे कारण महंगाई भारी मात्रा में दुनिया में व्याप्त हो गई थी भारत भी इससे अछूता नहीं रहा था, रूस और चीन के युद्ध के बाद अमेरिका ने रूस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए थे जिसके बाद से रूस ने भी कई वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए थे जिससे कई प्रोडक्ट के दाम अचानक से बढ़ने शुरू हो गए, वही बढ़ते ब्याज दर और स्टैंड में हो रहे बदलाव को भी इस महंगाई का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है, इससे इस रिसर्च में यह बताया गया इस बार की महंगाई 20 सालों में सर्वाधिक रही है