खुशखबरी! स्वास्थ्य कर्मी की निकली बंपर वैकेंसी – 1.5 लाख तक मिलेगी सैलरी, फटाफट करें Apply…

डेस्क : बिहार के सरकारी अस्पतालों में जल्द ही 10 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की स्थायी नियुक्ति की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने कर्मियों की नियुक्ति को लेकर अपनी अनुशंसा तकनीकी सेवा आयोग (TSC) को भेज दी है। स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति के लिए तैयार प्रस्ताव पर कानून एवं वित्त विभाग की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. वहीं, स्थायी नियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी भी ले ली गई है।

सूत्रों के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे टेक्नीशियन के 8034 और ओटी असिस्टेंट (surgical room assistant) के 1096 पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है. कुल 9130 रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर आयोग स्तर से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी हर किसी से चर्चा हो चुकी है. तकनीकी सेवा आयोग द्वारा इन पदों के लिए दो सप्ताह के भीतर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इन रिक्त पदों के अलावा फार्मासिस्ट, ईसीजी सहायक, लैब तकनीशियन और ड्रेसर के रिक्त पदों के लिए आगे के लिऐ प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।

तीसरी लहर से पहले रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी : कोरोना की तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के प्रयास तेज कर दिए गए थे। इसी क्रम में 6 हजार 338 विशेषज्ञ एवं सामान्य चिकित्सक, 3270 आयुष चिकित्सक, 4671 जीएनएम एवं 9233 एएनएम (NHM) को 15 सितम्बर 2021 तक नियुक्त करने के निर्देश दिये गये. विभिन्न पदों पर करीब 7 हजार नियुक्तियां आयुष डॉक्टरों के पदों को भरने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।मान्यता प्राप्त संस्थान से डिप्लोमा होना जरूरी : एक्स-रे तकनीशियन के पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से एक्स-रे तकनीशियन पाठ्यक्रम में डिप्लोमा उत्तीर्ण होना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, एक्स-रे तकनीशियन की डिग्री और आवश्यक कार्य अनुभव को प्राथमिकता दी जा सकती है। वहीं सर्जिकल रूम असिस्टेंट के लिए भी यही योग्यता जरूरी होगी। केंद्र, राज्य सरकार या अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त संस्थानों से उत्तीर्ण उम्मीदवारों को भी इन पदों के लिए योग्य माना जाएगा। इनके लिए राज्य सरकार के तहत निर्धारित वेतनमान के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाएगा। स्थायी नियुक्ति के तहत उन्हें राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में तैनात किया जा सकता है।