PM Modi कितने साल में बदलते हैं अपनी कार? आज जान लीजिए…..

PM Modi Car : हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में तो सभी लोग जानते हैं और आपने इनकी कई रैलियां भी देखी होगी। अक्सर इन रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी हाई सिक्योरिटी के साथ आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमेशा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुपके अधिकारी साथ में रहते हैं। आपने कई बार टेलीविजन में या फिर सामने से प्रधानमंत्री मोदी को बुलेट प्रूफ कार में ही यात्रा करते हुए देखा होगा।

प्रधानमंत्री कौन -सी गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं, इसे कौन तय करता है और कितने साल में उनकी गाड़ी को चेंज किया जाता है। इस आर्टिकल में हम इन्हीं बातों के बारे में आज आपको बताने वाले हैं।

दर्जन भर हाईटेक गाड़ियां रहती है साथ

जब भी पीएम मोदी कही काफिले में निकलते है तो उनके साथ में SPG के जवान और दर्जनों गाड़ियां साथ में चलती हैं। इमरजेंसी के दौरान हर स्थिति से निपटने के लिए इन गाड़ियों में सुविधा होती है। इस काफिले में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सेडान, बीएमडब्ल्यू एक्स3 , रेंज रोवर और एक मर्सिडीज बेंज कार होती है।

इसके अलावा काफिले में एक ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी होती है। वैसे तो प्रधानमंत्री की सुरक्षा (PM Modi Car) में कई कारें लगाई गई हैं, लेकिन उन्हें चुनावी रैलियों में या फिर 15 अगस्त को काले रंग की Range Rover या फिर Toyota Land Cruiser में सवारी करते हुए देखा जाता है।

कितने साल में बदल जाती है पीएम की कार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आपको बता दें कि यह प्रधानमंत्री की कार को बदलने के लिए एसपीजी ग्रुप द्वारा 8 साल का मापदंड बनाया गया है। लेकिन अब नए ऑडिट के बाद इसकी समय सीमा घटाकर 6 साल कर दी गई है। पीएम मोदी की सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी ग्रुप के पास होता है और सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए SPG ग्रुप ही यह तय करता है कि कब और कौन सी कार उनके लिए सही रहेगी। इसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी के पास एक से बढ़कर एक नई कारें हैं।

क्या पीएम खुद चुनते है गाड़ी?

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गाड़ी (PM Modi Car) में सफर करते हैं उसे चुनने की जिम्मेदारी पीएम मोदी की नहीं बल्कि SPG की होती है। इसे सुरक्षा के लिहाज से मॉडिफाई किया जाता है।

कितनी आधुनिक है पीएम की गाड़ी?

इस बात की कोई पक्की जानकारी नहीं है लेकिन फिर भी कई सारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस गाड़ी में प्रधानमंत्री (PM Modi Car) सफर करते हैं उस पर केमिकल हमले का कोई असर नहीं होता। बम फेंकने पर भी उसमें आग नहीं लगती। इन गाड़ियों के टायर काफी मजबूत होते हैं। हमले के दौरान क्षतिग्रस्त स्थिति में भी ये गाड़ी कम से कम 100 किलोमीटर तक चलने में सक्षम हैं।

इस वजह से SPG का हुआ गठन

आपको बता दे कि अक्टूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।अधिकारियों ने यह फैसला लिया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए SPG का गठन किया जायेगा। तब से लेकर आज तक प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG ग्रुप की होती है।