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Underground Tunnel : देश में पहली बार जमीन के नीचे बन रहा 85Km लंबा सुरंग…

Underground Highway : भारत इन दिनों तरक्की की ओर अग्रसर है. देश की हर कोने में नए-नए ब्रिज और और रेलवे का विस्तार किया जा रहा है. खासकर, बीते 5 सालों में भूमिगत फोरलेन सड़क में खूब बढ़ोतरी हुई है. इसी कड़ी भारत में पहली बार 85Km लंबा हाइवे जमीन के नीचे से गुजरेगा, इसको लेकर NHAI ने केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली है…

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में करीब 85Km फोरलेन हाइवे भूमिगत सुरंगों के माध्यम से बनाई जाएगी. इस परियोजना के तहत कुल 68 सुरंगों का निर्माण होना है, जिनमें से 50% से अधिक की DPR तैयार हो चुकी है. अभी तक NHAI ने 11 सुरंगों का निर्माण पूरा कर लिया है, जबकि 27 सुरंगों पर निर्माण कार्य चल रहा है और 30 सुरंगों की DPR तैयार की जा रही है….

कीरतपुर-मनाली हाईवे : 41.31Km लंबी 28 सुरंगें प्रस्तावित हैं, जिनमें से 13 का निर्माण पूरा हो चुका है. कालका-शिमला हाईवे कैंथलीघाट से परवाणू के बीच एक सुरंग बन चुकी है. जबकि, कंडाघाट में 1Km लंबी सुरंग का निर्माण कार्य जारी है, कैंथलीघाट से ढली के बीच 6 सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है…

पठानकोट-मंडी हाईवे : बता दे की कोटला में डबल लेन सुरंग बन चुकी है. जिसमे सुरंग की कुल लंबाई 85.110Km होगी, इनके निर्माण से करीब 13 घंटे का समय और 126Km की दूरी की बचत होगी, जिससे यात्रा अधिक सुगम और तेज हो जाएगी…

आपको बता दें की इन सुरंगों के प्रस्ताव पिछले साल तैयार किए गए थे. क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन के दौरान कीरतपुर-मनाली हाईवे काफी नुकसान हुआ था, साथ ही पठानकोट-मंडी और पिंजौर-नालागढ़ मार्ग भी प्रभावित हुए थे. आपदा के बाद NHAI ने प्रभावित हाईवे की जांच के बाद सुरंग निर्माण के सुझाव प्रमुखता से सामने आए…

सुमन सौरब

सुमन सौरब thebegusarai.in वेबसाइट में मार्च 2020 से कार्यरत हैं। लगभग 5 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने LNMU से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। अपने करियर में लगभग सभी विषयों (राजनीति, क्राइम, देश- विदेश, शिक्षा, ऑटो, बिजनेस, क्रिकेट, लाइफस्टाइल, मनोरंजन आदि) पर लेखन का अनुभव रखते हैं। thebegusarai.in पर सबसे पहले और सबसे सटीक खबरें प्रकाशित हों और सही तथ्यों के साथ पाठकों तक पहुंचें, इसी उद्देश्य के साथ सतत लेखन जारी है।

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