3 New Airlines: भारत सरकार ने एविएशन सेंटर से जुड़ा एक बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में केंद्र सरकार ने 3 नई एयरलाइंस को हरी झंडी दे दी है. ये फैसला सरकार ने एविएशन सेक्टर में कॉम्पिटिशन बढ़ाने और बड़ी एयरलाइनों पर निर्भरता कम करने के लिहाज से लिया है. सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किए हैं.
3 New Airlines: कौन हैं 3 नाम?
जिन 3 नामों को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दी है वो शंख एयर. अलहिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस हैं. जानकारों के मुताबिक अगर ये एयरलाइंस सफल होती हैं तो इसका सीधा फायदा यात्रियों को होगा. टिकट के विकल्प बढ़ने के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में एयर कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी. अब NOC मिलने के बाद ये एयरलाइंस आगे की प्रक्रिया शुरु करेगी. इन कंपनियों को अब DGCA से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट यानि AOC लेना होगा.
इसके अलावा इन्हें विमान, पायलट, स्टाफ, मेंटेन्स और रुट नेटवर्क से जुड़ी तैयारियां करनी होगी. यह महीनों तक चलने वाली प्रक्रिया है. अगर सब ठीक रहता है तो ये एयरलाइन 2026 के मई के बाद अपनी सेवाएं शुरु कर सकती हैं.
शंख एयर एयरलाइन: ये एयरलाइन कंपनी यूपी की है. ये खुद को फुल सर्विस एयरलाइन के तौर पर पेश कर रही है. कंपनी का फोकस बड़े शहरों और प्रमुख राज्यों पर है. धीरे-धीरे नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा ताकि शुरुआती खर्च को नियंत्रित किया जा सके.
अलहिंद एयर: केरल के अलहिंद ग्रुप से जुड़ी यह एयरलाइन पहले ट्रैवल और टूरिज्म में सक्रिय थी. अब इसका मॉडल रीजनल होगा. कंपनी छोटे विमानों के इस्तेमाल से टियर-2 और टियर-3 शहरों को जोड़ने की कोशिश करेगी.
फ्लाई एक्सप्रेस: यह एयरलाइन कार्गो और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र से जुड़ी है. घरेलू एयर- कार्गों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी पैसेंजर उड़ानों के साथ कार्गो सुविधा भी देगी.
3 New Airlines: क्यों जरुरी है फैसला
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया जब देश बहुत बुरी तरह इंडिगो क्राइसिस से प्रभावित हुआ. इंडिगो के ऑपरेशन से जुड़ी दिक्कतें सामने आई और इसका असर लाखों लोगों पर पड़ा तब सरकार को भारतीय एविएशन सेक्टर में नए विकल्प की जरुरतें समझ आई. यह विकल्प ज्यादा कंपनियों से ही मिल सकती है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय आसमान में ज्यादा एयरलाइंस को बढ़ावा देना है.
3 New Airlines: क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एविएशन इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले से भारतीय एविएशन सेक्टर में नई प्रतिस्पर्धा शुरु होगी. हालांकि नई एयरलांस के सामने बड़ी चुनौतियां होंगी ताकि वो पहले से जमे जमाए एयरलाइंस को टक्कर देने लायक बन सकें.
लेकिन सवाल अब भी यही है कि भारत सरकार के इन कदमों से क्या जमी जमाई एयरलाइंस कंपनी की मोनोपॉली टूटेगी या फिर ये बस मात्र एक शुरुआत तक ही रह जाएगी?
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