आखिर नोट के अंदर क्यों लगा होता है ये धागा? आज जान लीजिए इसका काम…..

Notes : आप लोगों ने नोट तो अच्छी होंगे और कई बार अपने अलग-अलग देश के नोट भी देखे होंगे। लेकिन अगर आप भारतीय नोट देखते हैं तो इनमे आपको हरे या सफेद रंग का धागा देखा होगा। इस धागे को देखकर आप नोट के असली या नकली होने के बारे में भी पता लगा सकते है।

कई बार दुकानदार नोट की असलियत चेक करने के लिए नोट को बारीकी से चेक करते है और इसमें लगे हुए मैटेलिक धागे को देखते है। इसमें अगर कोई गड़बड़ पाई जाती है तो वे समझ जाते है कि नोट नकली है।

इसलिए कभी ना कभी आपके मन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि नोट में ये धागा क्यों लगाया जाता है? आखिर इसकी क्या खासियत है? अगर ये धागा नहीं लगाया जायेगा तो क्या होगा? अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहे है तो आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब देने जा रहे है। आइये जानते है इस चीज के बारे में विस्तार से…..

आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि जब से नोटों का चलन शुरू हुआ है सब सही कई सारे गिरोह नकली नोट बनाने का काम भी शुरू कर चुके थे। ऐसे कई सारे लोग हैं जो नकली नोट बनाते थे और इन्हें रोकने के लिए सरकार ने कई बार प्रयास किए हैं लेकिन वह असफल रही है।

लेकिन इसके बाद इंग्लैंड में एक ऐसा तरीका अपनाया गया जिसमें नोट में मैटेलिक धागे का इस्तेमाल किया गया था। इंग्लैंड में इस तरीके की खोज साल 1848 में हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे से इसे अस्तित्व में आते हुए 100 साल लग गए।

इसके बाद साल 1948 में बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने इसे इस्तेमाल किया। पहले के समय में नोटों के बीच एक काली लाइन आती थी। लेकिन इसके बाद स्याही से नकली लाइन बनाकर लोगों को ठग रहे थे। इसके बाद ब्रोकन मेटल का इस्तेमाल किया गया। लेकिन इसे भी माफिया कॉपी कर ले गए और नकली नोट बनाने लगे। लेकिन इसके बाद ऐसा सिस्टम बनाया गया जिसमें मेटल की जगह प्लास्टिक स्ट्रिप का इस्तेमाल किया जाने लगा। जिसकी नकल आज तक नहीं हो पाई है।