कच्चे तेल से बनने के बाद भी डीजल -पेट्रोल का रंग अलग अलग क्यों होता है? जानिए कारण

डेस्क : आजकल ज्यादातर लोग पेट्रोल डीजल और एलपीजी का अधिक उपयोग कर रहे हैं लोगों को इसकी सही कीमत भी पता होगी क्योंकि आज के समय में यह एक जरूरत बन गई है। डीजल पेट्रोल के रंग को भी एक निश्चित तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। सामान्यत: सारा तेल कच्चे दिल से बनाया जाता है और कच्चे तेल का रंग काला होता है।

रिफाइनरी में प्रसंस्करण के बाद इसे पानी की तरह पूरी तरह से पारदर्शी बना दिया जाता है। यानी कि इस सभी तरह के सभी उत्पाद कच्चे तेल से बनता है। फिर उसके रंग अलग-अलग क्यों होते हैं?आपको बता दें कि ज्यादातर लोग को आज भी नहीं पता होगा कि कच्चे तेल से बने पेट्रोल और डीजल के रंग अलग-अलग होते हैं। हालांकि, इसकी प्रक्रिया को लोग ठीक तरह से जानते हैं।

जैसा कि अपशिष्ट प्रक्रिया के दौरान उनमें रहा खराब कचरा अलग कर दिया जाता है और एक तरल के रूप में पारदर्शी तेल को तैयार किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि पेट्रोल सुनहरा पीला है तो डीजल हल्का हरा क्यों है? आपको बता दें कि यह सब आम नागरिकों की सुविधा को देखते हुए किया जाता है। इसका मतलब है कि प्रसंस्करण के समय रंग समान होता है, लेकिन इसकी पहचान कराने के लिए पेट्रोल और डीजल या केरोसिन के तेल में रंगों को मिश्रित किया जाता है। जिससे कोई भी आम नागरिक इन तीनों पेट्रोलियम उत्पादों की आसानी से पहचान कर सकें। पेट्रोल का रंग अक्सर हल्के लाल रंग में देखा जाता है।