आखिर पहाड़ी क्षेत्रों में क्यों फटते हैं बादल? वजह जान पहाड़ी में रहना छोड़ देंगे!

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें कई सैकड़ों घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। 

क्यों हो रही हैं ये घटनाएं और कैसे फटते हैं बादल? 

कुछ पहाड़ी हिस्सों में जब बारिश इतनी तेज़ होती है कि वहाँ थोड़ी ही देर में पेड़ और मकान ढह गए, ये तेज़ बारिश 100 सेमी होती है और कभी कभी ओले और तूफान भी आता है।  विशेषज्ञों के अनुसार जब बादलों में आर्द्रता बढ़ जाती है और संघनन अधिक हो जाता है, तो एक साथ लाखों टन पानी एक ही जगह बरस जाता है, जिससे बाढ़ आ जाती है और इसे ही बादल फटना कहते हैं। 

बादल फटने से कहाँ कितना नुकसान?

रविवार से लेकर अबतक 3 से 4 बार हिमाचल के सोलन में बादल फट चुके हैं और जिसमें 7 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पिछले महीने उत्तराखंड में भी बादल फटने की घटना हुई थी जहाँ कई सारी इमारतें ढह गई थीं। वहीं ढायवाला गाँव में इसमें गौ शाला भी बह गई।  उत्तराखंड में भी 26 जुलाई को बादल फटने की घटना हो चुकी है और एक बार फिर अलर्ट जारी किया गया है। कुल्लू में भी बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 

वहीं, 2013 में उत्तराखंड में आई तबाही सबसे बड़ा उदाहरण है उसे कौन भूल सकता है, जहाँ लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं।