मुस्लिम धर्म में “हलाला” क्या है? जिसमे पुरुष महिलाओं के साथ सुहागरात मनाकर…

सुमन सौरब
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What is Halala : आपने अक्सर सुना होगा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं के साथ “हलाला” होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि “हलाला” का मतलब क्या होता है? सबसे बड़ा सवाल इस्लाम धर्म में महिलाओं के साथ हल्ला होता ही क्यों है. ऐसे में आज के इस आर्टिकल में आपको “हलाला” से जुड़े सभी फैक्ट के बारे में बताएंगे…

क्या है हलाला

आपको बता दे की इस्लाम धर्म में “हलाला” एक रस्म है. इसे “निकाह हलाला” के नाम से भी जाना जाता हैं. यह रस्म उन तलाकशुदा मुस्लिम औरतों के लिए होती है, जो दोबारा अपने पहले शौहर से निकाह करना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें “हलाला” का पालन करना पड़ता है.

आसान भाषा में समझे तो अगर किसी मुस्लिम मर्द ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया, तो उससे तब तक दोबारा निकाह यानि शादी नहीं कर सकता है जब तक वह किसी दूसरे मर्द से निकाह कर तलाक न ले ले. ऐसे में तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपने शौहर से तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकती जब तक उसने किसी अजनबी से शादी कर उसके संग एक रात न गुजारी हो.

इसी कारण मौलवी मुस्लिम महिलाओं संग एक रात गुजारते हैं और अगली सुबह उन्हें तलाक दे देते हैं. ऐसे में मुल्ला-मौलवियों के पास कई मर्द भी पहुंचते हैं, यह पक्का करने कि वे औरत को तलाक देंगे या नहीं. ऐसे में मौलवी अगले दिन की गारंटी के बदले मोटी रकम भी वसूलते हैं.

असल इस्लामिक हलाला क्या है?

कुरान के मुताबिक, हलाला में तलाकशुदा मुस्लिम महिला मर्जी से किसी दूसरे पुरुष से शादी करे और इत्तेफाक से उससे भी रिश्ता न निभ पाए या दूसरा शौहर तलाक दे दे या फिर उसकी मौत हो जाए, तब वह अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है.

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सुमन सौरब thebegusarai.in वेबसाइट में मार्च 2020 से कार्यरत हैं। लगभग 5 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने LNMU से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। अपने करियर में लगभग सभी विषयों (राजनीति, क्राइम, देश- विदेश, शिक्षा, ऑटो, बिजनेस, क्रिकेट, लाइफस्टाइल, मनोरंजन आदि) पर लेखन का अनुभव रखते हैं। thebegusarai.in पर सबसे पहले और सबसे सटीक खबरें प्रकाशित हों और सही तथ्यों के साथ पाठकों तक पहुंचें, इसी उद्देश्य के साथ सतत लेखन जारी है।