Defamation Case : मानहानि केस क्या होता है? इसमें कितनी दिन कि होती है सजा? जानें-

Defamation Case In India : देश में हर व्यक्ति का अपना मान सम्मान होता है। इससे बनाने में लोगों की जीवन बीत जाती है। वहीं यदि किसी व्यक्ति के मान सम्मान कोई धूमिल करना चाहे तो इसके लिए कानून है। पीड़ित व्यक्ति मानहानि लगा सकता है।

यह कानून राहुल गांधी के मोदी सर नेम वाले मामले के बाद और भी लाइम लाइट में आ गया। इस कानून के तहत कई प्रावधान हैं। इसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है। आई ये इसके बारे में विस्तार से चर्चा करें।

डेफ़मेशन (defamation) को मानहानि कहते हैं। किसी भी व्यक्ति का अपमान करना, उसे समाज में नीचा दिखाने की कोशिश करना, उस पर कोई झूठा आरोप लगाना, उसे बेईमान कहना, उसके साथ दुर्व्यवहार करना आदि मानहानि के मुकदमे के अंतर्गत आते हैं और उस पर आरोप लगाने वाला व्यक्ति अपराधी की श्रेणी में आता है।

भारत के संविधान में अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। आप किसी का अपमान नहीं कर सकते। कई बार हम किसी व्यक्ति को बिना सोचे-समझे कुछ भी कह देते हैं, लेकिन बिना सोचे-समझे हमारे द्वारा कहा गया एक वाक्य और शब्द हमारे लिए मुसीबत बन सकता है।

किसी व्यक्ति को नीचा दिखाने के इरादे से उसकी जाति, समुदाय और उसके धर्म के बारे में हमला करना मानहानि के अंतर्गत आता है। भारतीय दंड संहिता की मानहानि की धारा 499 के अनुसार भारत में प्रत्येक व्यक्ति को अपने सम्मान, यश, कीर्ति आदि की रक्षा करने का अधिकार है।

भारतीय संविधान किसी को अपमानित करने की इजाजत नहीं देता। लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की मानहानि करता है तो धारा 500 के तहत उसे दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। धारा 502 के तहत, वित्तीय उद्देश्यों के लिए किसी को बदनाम करने वालो पर जेल तक हो सकती है।