कितने लोगों की सेना लेकर टूट पड़े थे Maharana Pratap ताकतवर मुग़लों के आगे – 3 साल तक चटाई धुल

डेस्क : हल्दीघाटी का युद्ध तो आपने सुना ही होगा, बता दे की हल्दीघाटी का युद्ध Maharana Pratap के नेतृत्व में हुआ था, महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के इस युद्ध में काफी जख्मी हो गए थे। यह युद्ध 9 मई 1540 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुआ था। 9 मई को ही महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। उन्होंने यह युद्ध अकबर के खिलाफ छेड़ा था।

हल्दीघाटी की लड़ाई 18 जून 1576 को मेवाड़ के राजा Maharana Pratap और आमेर अब का जयपुर के महाराजा मानसिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं द्वारा लड़ी गई थी। युद्ध के वक्त महाराणा प्रताप ने अकबर की 85000 सैनिकों के आगे अपने 20000 सैनिक और सीमि‍त संसाधन के बल पर कई वर्ष तक युद्ध लड़ा। कहते हैं की युद्ध करीब 4 घंटे तक चला और महाराणा प्रताप की रणनीति सफल हुई। शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगल के अतिक्रमण के खिलाफ ढेरों लड़ाइयां लड़ी। वहीं मुगल शासक अकबर को उन्होंने 1577,1578 और 1579 युद्ध में तीन बार हराया था।

बड़े-बड़े इतिहासकारों के मुताबिक Maharana Pratap ने पूरी लड़ाई के दौरान जंगल में मच्छरों के बीच रात बिताई थी और साथ ही साथ उन्होंने, सुखी रखी रोटी बनाकर खाई थी। महाराणा प्रताप की रणनीति इतनी ज्यादा सफल थी कि उनके आगे मुगलों की एक नहीं चली। जब महाराणा प्रताप ने दम तोड़ा था तो अकबर की आंखें गीली हो गई थी।