21 Topo ki Salami Ka Matlab

21 तोपों की सलामी का मतलब जानते हैं आप! आज यहां जान लीजिए…

21 Topo ki Salami Ka Matlab : आपने कभी न कभी “21 तोपों की सलामी” के बारे में तो जरुर सुना होगा? लेकिन क्या आप इसका मतलब जानते हैं. हालांकि, गणतंत्र दिवस या फिर स्वतंत्रता दिवस हो या फिर अन्य कोई खास शुभ अवसरों पर “21 तोपों की सलामी” देने का रिवाज है. यह परंपरा अंग्रेजों की जमाने से चली आ रही है. तो चलिए आज के इस आर्टिकल में विस्तार पूर्वक जानते हैं….

आपको बता दें कि यह परंपरा करीब 150 साल पुरानी है. राष्ट्रगान की धुन के साथ ये “21 तोपों की सलामी” दी जाती है. यह परंपरा ब्रिट्रिश शासन काल के समय से चली आ रही है. आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी, 1950 को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को “21 तोपों की सलमी” दी गई थी. इसे सर्वोच्च मिलिट्री सम्मान माना जाता है, जो किसी खास व्यक्ति, राष्ट्रीय पर्वों के सम्मान में दिया जाता है….

सोचने वाली बात यह भी है कि “21 तोपों की सलामी” हमेशा उत्तर प्रदेश के मेरठ के ही जवान देते हैं. यह सलामी 1721 फील्ड बैटरी के जवान ही देते हैं, जिसका मुख्यालय उप्र के मेरठ में है. इस दस्ते में 122 जवान होते हैं, जो खास मौकों पर 21 तोपों की सलामी देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी 21 तोपों की सलामी में महज 8 तोपों का इस्तेमाल होता है. इस दौरान 7 तोपों से 3-3 फायर किए जाते हैं. जबकि, 8वीं तोप अलग रहती है……

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