First Aadhar in India : जानें- किसे मिला था भारत का पहला आधार कार्ड, बड़ी रोचक है कहानी…

First Aadhar Card in India: : मौजूदा समय में आधार कार्ड देशभर में सबसे अहम दस्तावेजों में से एक है। आधार कार्ड का इस्तेमाल हर सरकारी काम में किया जाता है और यह एक पुख्ता प्रमाण पत्र है। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये ख्याल आया कि देश में सबसे पहले आधार कार्ड किसका बना था?

इस पहले आधार कार्ड में मिली यूनिक आईडी क्या रही होगी? आज हम इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे। दरअसल, देश में पहली बार एक महिला को आधार कार्ड दिया गया । तो आइए पहले आधार कार्ड और उसके पहले धारक के बारे में विस्तार से जानते हैं।

देश में सबसे पहले 30 वर्षीय रंजना नाम की माहिला को दिया गया था, यह उत्तरी महाराष्ट्र के एक गांव टेम्बली की रहने वाली हैं। उस समय प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें आधार नंबर 782474317884 दिया गया था। आज रंजना का नाम भारत के इतिहास में दर्ज हो गया है क्योंकि यह आधार परियोजना धीरे-धीरे देश के हर कोने तक पहुंच गई है। आधार कार्ड और इससे जुड़ी सुविधाएं लोगों की जिंदगी से जुड़ गई हैं।

सोनिया और मनमोहन सिंह ने की थी लॉन्चिंग

स्वतंत्र भारत के इतिहास की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक, आधार परियोजना की शुरुआत यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले से की थी। आधार प्रोजेक्ट के चेयरमैन रहे नंदन नीलेकणि ने कहा था- एक बार जब किसी के पास यूनिक आईडी होगी तो उसकी पहचान बायोमेट्रिक्स से लिंक कर दी जाएगी और उस व्यक्ति की एक विशेष पहचान होगी।

आधार कार्ड बनवाते समय रंजना क्या सोच रही थी?

जब उन्हें आधार कार्ड मिला, तो रंजना सोनावने को नहीं पता था कि इससे उन्हें क्या फायदा होगा लेकिन उन्हें लगा कि इससे उन्हें मदद मिलेगी। रंजना ने कहा था- हमारा घर बहुत छोटा है, इसलिए सारे सरकारी दस्तावेज संभालने में दिक्कत होती है।

ऐसा नहीं था कि सिर्फ रंजना को ही पहली बार आधार कार्ड मिला थ। उस समय दस लोगों को आधार कार्ड दिये गये थे उस समय आधार को लेकर विचार यह था कि यह भविष्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगा।