अब महंगाई से मिलेगी राहत! प्याज और चीनी के दाम होंगे कम, जानें- कितना होगा सस्ता….
New Year : खाद्य पदार्थों की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए और उनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार और अधिक उपाय कर रही है। इसके तहत सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
और चीनी मिलों और भट्टियों को 2023-24 के लिए एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या सिरप का इस्तेमाल करने से भी रोक दिया है। केंद्र में बैठी मोदी सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला कहीं मायनो से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि इसके अलावा केंद्र सरकार से यह उम्मीद भी है कि वह भारतीय खाद्य निगम को मौजूदा 3 लाख टन के बदले हर हफ्ते 4 लाख टन गेहूं बेचने की मंजूरी देगी। हाल ही में खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से मुद्रास्फीति की दर 4 महीने में घटकर निचले स्तर 5% से नीचे पहुंच चुकी है और इसे देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले भी केंद्र सरकार द्वारा बाहर से आने वाले शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 800 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया था। इसके अलावा केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए इसके निर्यात पर भी रोक लगा दी थी।
इसके साथ रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू होने के बाद भी पिछले महीने 1 लाख टन से ज्यादा प्याज का निर्यात किया जा चुका है। खरीफ की फसल की कम कटाई होने के कारण और रबी की फसल के घटते स्टॉक को देखते हुए प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
इस घटना के बाद अधिकारियों ने जानकारी दी है कि ऐसी स्थिति में 1 लाख टन प्याज का निर्यात होने से प्याज की घरेलू कीमतों पर इसका असर पड़ सकता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार इस साल चीनी के कुल अनुमानित उत्पादन में कमी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से इथेनॉल के लिए गन्ने के रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए आगे बढ़ी है।