अब आधार और मोबाइल नंबर से लिंक होंगे आपके जमीन-मकान, जानें – पूरी प्रक्रिया….

डेस्क : बिहार में जमीन विवाद हमेशा से चरम पर रहा है। ऐसे जमीन रजिस्ट्री में धांधली भी खूब होती रही है। अब सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के तहत जमीन या प्लॉट के मालिकाना हक रखने वाले शख्स का मोबाइल और आधार नंबर से लिंक होगा। ऐसा करने पर प्रदेश में जमीन संबंधित फर्जीवाड़े पर लगाम लगाया जा सकेगा। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

रजिस्ट्री में आधार नंबर अनिवार्य

बतादें कि जमीन-मकान की रजिस्ट्री में आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य है। पिछले एक साल में जमीन और मकान की रजिस्ट्री के लिए जो भी दस्तावेज तैयार किया जाता है, उसमें आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाता है। बिना आधार और मोबाइल नंबर के जमीन या मकान की रजिस्ट्री नहीं होती।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तीन खास सुविधाएं

जमीन की जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से एक साथ तीन सुविधाएं लागू की जा रही हैं। इनमें राजस्व कर्मचारी मोबाइल ऐप, हिंदी, उर्दू और मैथिली समेत 22 भाषाओं में जमाबंदी देखने की सुविधा और स्वैच्छिक आधार पर सभी जमाबंदी का मोबाइल और आधार नंबर सीडिंग अभियान शामिल है।

पारदर्शिता के साथ काम में तेजी आएगी

विभाग द्वारा विकसित की जा रही सुविधाओं में से एक है राजस्व कर्मचारी मोबाइल ऐप, जिसके माध्यम से राजस्व कर्मचारियों के काम की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। विभाग की गतिविधियों को पारदर्शी बनाने के लिए यह पहल की जा रही है। इससे काम में भी तेजी आएगी। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से जमाबंदी से संबंधित सभी प्रकार के कार्य ऑनलाइन किए जा सकते हैं।

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

इस तरह सभी जमाबंदी को स्वैच्छिक आधार पर मोबाइल और आधार नंबर से लिंक कर दिया जायेगा जमाबंदी रैयत का आधार एवं मोबाइल नंबर से संबंधित डाटा स्वेच्छा से दर्ज किया जाएगा। इससे अब जमाबंदी को लेकर कोई धांधली या फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। रैयती जमीन को पूरी पारदर्शिता के साथ जब्त करने की उम्मीद बढ़ गयी है।