Federal Reserve interest Rate Cuts : अमेरिकी केंद्रीय बैंक Federal Reserve ने बुधवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर दी है. इस कटौती के साथ ही यह भी संकेत दिए हैं कि आगे ये दरें घटाना आसान नहीं होगा. फेड रिजर्व ने यह भी एलान किया है कि बैंक ट्रेजरी सिक्योरिटीज की खरीद फिर से शुरु करेगा. इस एलान से यह तो साफ हो गया कि इस फैसले को लेकर फेड के अंदर गहरा मतभेद है. बैंक की तरफ से ये लगातार तीसरी कटौती थी.
क्या है बैंक का फैसला
फेडरल ओपन मार्केटिंग कमिटी (Federal Reserve interest Rate Cuts) ने ओवरनाइट लेंडिंग रेट में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की है. इसके बाद ब्याज दर 3.5 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत के दायरे में आ गई. बाजार को इसकी उम्मीद थी. सीमित कटौती की गुंजाइश, ऊंची बॉन्ड यील्ड और अंदरुनी मतभेद ने ग्लोबल बाजारों की अब चिंता बढ़ा दी है.
इन सारे फैक्टर्स का असर भारतीय शेयर बाजार और एफआईआई फ्लो पर भी पड़ सकता है. इस फैसले के लिए जब वोटिंग हुई तब तीन सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट दिए. बैठक के बाद कहा गया कि आगे किसी भी बदलाव का फैसला आने वाले आर्थिक आंकड़ों, बदलते आउटलुक और जोखिमों के संतुलन को देखकर लिया जाएगा.
शेयर बाजार पर असर
फेड के इस फैसले का शेयर बाजार पर व्यापक असर हो सकता है. इस फैसले से ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में अस्थिरता बढ़ सकती है. आगे सीमित कटौती के लिए फेड का सख्त रुख निवेशकों के लिए निराशा ला सकती है. वहीं फेड द्वारा ट्रेजरी बॉन्ड की दोबारा खरीद की शुरुआत शार्ट टर्म के भालिए फायदेमंद हो सकती है तो वहीं लॉंग टर्म के लिए निवेशकों को सोचना होगा.
भारत पर क्या होगा असर
भारत के लिहाज से फेड का सख्त रुख FII फ्लो और रुपए की चाल के लिए अहम है. अगर अमेरिका में ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रहती हैं तो विदेशी निवेशकों का झुकाव उभरते बाजारों से घट सकता है. यह भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की वजह बन सकता है.


