डेस्क : आज के बदलते इस दौर में हर अभिभावक अपने बच्चे के उच्च शिक्षा के लिए सोचता है, लेकिन कई पैसे के अभाव में यह सपना पूरा नहीं हो पाता है। लेकिन, अब आप लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, एजुकेशन लोन (Education Loan) लेकर आप अपने बच्चे का भविष्य तय कर सकते हैं, इस से न सिर्फ पढ़ाई का सपना पूरा होगा बल्कि कई तरह से टैक्स छूट का भी फायदा मिल जाएगा।
चलिए आपको डिटेल में बताते हैं। जानकारी के मुताबिक, किसी भी कोर्स के लिए एजुकेशन लोन (Education Loan) लेने से पहले बैंक संस्थान (कॉलेज) की प्रामाणिकता को प्रमुखता से जांच करते हैं, कर्ज के रीपेमेंट क्षमता के आधार पर कर्ज की राशि तय करते हैं, 7.5 लाख रुपये से ज्यादा की राशि होने पर बैंक (Bank) इस लोन के बदले में कॉलेटेरल सिक्योरिटी मांगते हैं और अभिभावक को लोन का को-अप्लीकेंट भी बनाते हैं, इस लोन पर कोर्स की अवधि के बाद 6-12 महीने तक मोरेटोरियम दिया जाता है।
इस दौरान वैसे तो कर्ज रीपेमेंट से छूट रहती है, लेकिन सामान्य ब्याज लगता है, मोरेटोरियम खत्म होने के बाद ब्याज को मूल कर्ज में जोड़कर EMI तय होती है, अगर मोरेटोरियम अवधि में अभिभावक सामान्य ब्याज का भुगतान करता है तो इस राशि पर उन्हें टैक्स छूट मिल जाएगी। आपको बता दे की इस लोन पर ब्याज में कर कटौती का असीमित लाभ मिलता है, टैक्स छूट का दावा उसी वर्ष से शुरू हो जाता है, जिस साल में लोन चुकाना शुरू होता है, अगले 7 साल तक इसका लाभ मिलता है, यानी कुल 8 साल तक आप टैक्स छूट ले सकते हैं। अब आपको उदाहरण के रूप में समझाते हैं, यदि आपने दो बच्चों के लिए 10 फीसदी ब्याज दर पर 25-25 लाख का लोन लिया है तो कुल 50 लाख रुपये पर सालाना ब्याज 5 लाख रुपये देना होगा, इस पूरी राशि पर टैक्स छूट मिलेगी।