Patna Metro के निर्माण कार्य में आएगी तेजी, जल्द दूर होगी जमीन से जुड़ी समस्या, जानिए- कहां तक पहुंचा काम

न्यूज़ डेस्क: बिहार वासियों को पटना मेट्रो का बेसब्री से इंतजार है। मेट्रो सम्बंधित किसी भी खबर पर सभी नजर टिकी रहती है। वहीं अब पटना मेट्रो स्टेशनों से जुड़े जमीन अधिग्रहण से जुड़ी अर्चने पर अब पूर्णविराम लगता नजर आ रहा है। पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को राज्य सरकार से जुड़े संस्थानों और कार्यालयों की जमीन मिल गई है, लेकिन केंद्र सरकार के कार्यालयों से संबंधित 4200 वर्ग मीटर से अधिक भूमि अभी भी प्रतीक्षित है। परंतु हस्तांतरण की प्रक्रिया समय खिंच रही है। यह कयास लगाया जा रहा है कि अतिशीघ्र ही हस्तांतरण का कार्य भी सम्पन जायेगा।

राजेंद्रनगर टर्मिनल को आवश्यक्ता सबसे अधिक जमीन: केंद्र सरकार और उसके अधीन एजेंसियों की जमीन जो पटना मेट्रो को मिलनी है, उसमें राजेंद्र नगर टर्मिनल की सबसे ज्यादा जमीन है। इसके साथ ही दानापुर छावनी क्षेत्र, आकाशवाणी और भारतीय जीवन बीमा निगम की भूमि भी शामिल है। राजेंद्रनगर टर्मिनल की 1277 वर्गमीटर स्थायी और 486 वर्गमीटर अस्थायी भूमि मेट्रो को हस्तांतरित की जानी है। फिलहाल इसपर रेलवे विचार कर रही है।

आकाशवाणी में भी जमीन चिन्हित कर ली गई है: इसी प्रकार पटना मेट्रो के लिए दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 वर्ग मीटर स्थायी भूमि की आवश्यकता है। दानापुर छावनी बोर्ड के द्वारा जमीन हस्तांतरित करने की सहमति दे दी गयी है, परंतु, प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में लंबित है। इसके अलावा मेट्रो के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की फ्रेजर रोड पर 1121 वर्ग मीटर आकाशवाणी और 219 वर्ग मीटर स्थायी और 234 वर्ग मीटर अस्थायी जमीन भी चिन्हित की गई है। इसके ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि इस पर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

अधिकारी जुटे हैं सभी समस्याओं को दूर करने में: इस परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों की ओर से जमीन से जुड़े हर बाधा को दूर किये जाने को लेकर प्रयासरत हैं। इस परियोजना पर पूरे बिहार वासियों की नजर है। पटना मेट्रो के सेवा में आ जाने से व्यवसाय के साथ-साथ आमजनों को भी खासा लाभ मिलेगा। फिलहाल पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का कार्य चल रहा है, यह मलाहीपकड़ी से बैरिया स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड तक निर्माण चल रहा है।