क्या Vodafone-Idea बनने जा रही है सरकारी कंपनी ? जानिए 35% हिस्सेदारी का क्या है पूरा गणित

डेस्क : भारत में मुख्यता तीन टेलीकॉम कंपनियों का राज है। इस वक्त एयरटेल, जिओ और वोडाफोन ही हर एक जबान पर छाया रहता है। इतना ही नहीं इनके सभी रिचार्ज को लोग ढूंढते रहते हैं। लम्बे समय से AGR की समस्या से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियां भी लगातार बाजार में बने रहने की प्रतिस्पर्धा में लगी हुई हैं।

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले से सभी टेलीकॉम कपनियां परेशान हो गई थी, दरअसल हुआ यह था की 2003 से लेकर 2019 तक सभी टेलीकॉम कंपनियां सरकार को पैसा नहीं भरती थी, बल्कि एक मोटे स्तर पर पैसे बचा लेती थी। लेकिन साल 2019 में उनके ऊपर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाया की 2003 से लेकर 2019 के बीच का जितना बचा हुआ पैसा है वह सब भरना होगा। लेकिन इन सबके बीच जिओ कंपनी बच गई क्यूंकि वह साल 2019 के बाद अस्तित्व में आई।

सबसे ज्यादा हालत खराब आईडिया की हुई थी। आईडिया ने अपने आपको बचाने के लिए वोडाफोन से हाथ मिलाया लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं आई। आज समय यह आ गया है की वोडाफोन को बचने के लिए खुद भारत सरकार आगे आई है और भारत सरकार ने 35% शेयर खरीद लिए हैं। फिलहाल तो वोडाफोन को 25000 करोड़ रूपए और चाहिए ताकि वह अपने काम को सही से पटरी पर चला सके। बीते समय में कंपनी को बड़े स्तर पर ग्राहकों का लोस हुआ है कई लोगों ने अपने नंबर बदलवा लिए यही और कुछ ने अपनी सिम पोर्ट करवा ली है। सरकार का मानना है की यदि उसका हाथ वोडाफोन पर पड़ जाएगा तो कंपनी की स्थिति सुधर जाएगी।