न डीजल..न Electric..न CNG, बिहारी युवक ने कबाड़ से बनाया देसी ट्रैक्टर..

डेस्क : भारत कृषी प्रधान देश है। लेकिन किसानों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे खेती के लिए बुनियादी सुविधाएं भी जुटा सकें। लेकिन, भारत और भारत में जुगाड़ के मामले में बिहार को हमेशा शीर्ष पर माना जाता है। बिहार के किसान ने जुगाड़ से एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया है. जो बिना पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के चला सकते हैं। इस ट्रैक्टर को बनाने वाले किसान का नाम संजीत है। 28 वर्षीय संजीत ने स्टेटर का नाम HE ट्रैक्टर (Human Energy Tractor) रखा है।

संजीत बिहार के पश्चिमी चंपारण के धुसवां गांव के रहने वाले हैं। संजीत बताते हैं कि इस ट्रैक्टर को उतनी ही बिजली की जरूरत होती है, जितनी साइकिल चलाते समय लगती है। उन्होंने बताया कि हेडलाइट के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एलईडी बल्ब के लिए उन्होंने 5000 MAH पावर की चार्जेबल बैटरी लगाई है।

इसमें 1 से 4 तक के गियर भी हैं ताकि यह सड़क के साथ-साथ मैदान में भी आसानी से चल सके। ह्यूमन एनर्जी ट्रैक्टर अपने ऊपर 600 किलोग्राम तक का वजन भी उठा सकता है। यह पूछे जाने पर कि एचई ट्रैक्टर कितना उपयोगी है, संजीत ने बताया कि यह 2.5 से 3 इंच मिट्टी तक आसानी से जुताई कर सकता है जो सामान्य ट्रैक्टर के समान है।

इस ट्रैक्टर के कई फायदे

संजीत बताते हैं कि यह न केवल ऊर्जा और धन बचाता है बल्कि इस प्रक्रिया में किसी भी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाता है। किसान ने यह भी बताया कि उसका ट्रैक्टर बड़े ट्रैक्टरों की तुलना में जुताई के लिए बेहतर है क्योंकि यह खेत में छोटी जगहों या किनारों को कवर कर सकता है.

और छोटे पैमाने के खेतों या बगीचे-आधारित फसलों के लिए भी प्रभावी है। इस ट्रैक्टर की स्पीड करीब 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा है। आपको बता दें कि HE ट्रैक्टर को पिछले साल गोवा में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में भी प्रस्तुत किया गया था। प्रदर्शनी में उनके मॉडल के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया।