अब बिहार के प्राइवेट स्कूलों में भी शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य होगा TET की परीक्षा.. जानें-

न्यूज डेस्क: अब बिहार के निजी स्कूलों में भी शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। इसके बाद, कक्षा I-XII के छात्रों को पढ़ाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को टीईटी उत्तीर्ण करना होगा, जो पहले केवल आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों के लिए लागू था।

बताते चले की नई शिक्षा नीति लागू होते ही परीक्षा प्रणाली ने यह निर्णय लिया है कि तीसरी, पांचवीं और आठवीं से संबंधित अथॉरिटी द्वारा परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। बिहार में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा पहले से ही बीईपी के संयोजन में होती रही है और अब से तीसरी कक्षा की परीक्षा भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। अब सभी कक्षा के बच्चों को हर साल प्रगति पत्र दिखाया जाएगा। इसमें स्व मूल्यांकन, सहपाठी मूल्यांकन, क्विज, रोल प्ले, समूहकार, शिक्षक मूल्यांकन सबको ही शामिल किया जाएगा।

बिहार में नई शिक्षा नीति के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों को पढ़ाया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग के निर्देश पर बीईपी ने एक रोडमैप बनाया है। इस रोडमैप में भी कहा गया है की निजी स्कूल समेत सभी स्तरों के शिक्षकों के नियोजन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आवश्यक होगी।