Friday, July 26, 2024
Bihar

नीतीश चाचा पलटी मारेंगे तो Tejashwi बन सकते हैं मुख्यमंत्री! यहां समझे क्या है नंबर गेम..

Bihar Political Latest News : बिहार में सियासी घमासान चरम पर है। सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन से किनारा कर एनडीए खेमे में चले गए तो लालू प्रसाद यादव नंबर गेम कैसे संभालेंगे, क्योंकि सरकार बचाने के लिए विधायकों की संख्या 122 होनी चाहिए।

जदयू के अलग होने के बाद राजद, कांग्रेस और वाम दल महागठबंधन में बने हुए हैं।। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों की संख्या कुल मिलाकर 114 है। इस तरह बिहार में सरकार बचाने के लिए महागठबंधन को 8 विधायकों की जरूरत होगी।

बिहार विधानसभा में यह नंबर गेम

बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं, जिससे बहुमत के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या 122 है। वर्तमान में राजद के 79, जदयू के 45, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं। वहीं, बीजेपी के पास 78 और जीतन राम मांझी की पार्टी के पास 4 विधायक हैं. इसके अलावा निर्दलीय और AIMIM के एक-एक विधायक हैं। महागठबंधन के पास 160 विधायकों का समर्थन है, जबकि एनडीए के पास 82 विधायक हैं। AIMIM के एकमात्र विधायक किसी के साथ नहीं हैं।

8 विधायक कैसे जुटाएंगे लालू यादव?

बिहार में सियासी घमासान के बीच 122 विधायकों के आंकड़े तक पहुंचने के लिए गिनती शुरू हो गई है। राजद खेमे ने विधायकों से समर्थन जुटाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अगर नीतीश कुमार ने बाजी पलट दी तो सरकार बनाने के लिए 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए राजद को आठ और विधायकों की जरूरत होगी। राज्य विधानसभा में बड़ी ताकत का दर्जा हासिल करने के लिए राजद अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है।

अगर राजद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खेमे के चार विधायकों, एआईएमआईएम के एक विधायक और एक अन्य निर्दलीय विधायक को भी जोड़ ले, तब भी उसे 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए दो विधायकों की जरूरत होगी। इसके बाद ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है। बिना बीजेपी और जेडीयू में सेंध लगाए दो विधायकों को अपने साथ जोड़ना राजद खेमे के लिए संभव नहीं है।

फिलहाल बीजेपी में टूट की कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन जेडीयू में टूट हो सकती है। अगर जेडीयू के चार से पांच विधायक इस्तीफा दे दें और मांझी से लेकर एक विधायक निर्दलीय और औवेसी राजद में शामिल हो जाएं तो सरकार ही नहीं बल्कि तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी साफ हो सकता है। हाल ही में ललन सिंह की जगह नीतीश कुमार के खुद जेडीयू अध्यक्ष बनने के पीछे वजह ये थी कि पार्टी का एक खेमा राजद के साथ जाने को तैयार है।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।