राजनीति में मैं अब कभी नहीं आऊंगा, यह पूरी तरह से साफ है- गुप्तेश्वर पांडेय

न्यूज डेस्क: सोशल मीडिया पर हमेशा अपने बेबाक बयान को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे इन दिनों एक बात को स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्य रूप से राजनीति में नहीं आएंगे। बता दे की पिछले साल ही अपनी सर्विस खत्म होने से पहले ही रिटाइर हो गए थे। बिहार केडर के 1987 बैच के आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय राजनीति में आने को इस हद तक व्याकुल थे कि उन्होंने दो बार सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ली। लेकिन दोनों बार मायूसी ही हाथ लगी।

पिछले साल बिहार के शीर्ष पुलिस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर विवादों में घिरे रहने के बाद खूब सुर्खियों में आए और फिर रिटाइर हो गए थे । रिटाइर होने के बाद से ही अंदाजा लगाया जा रहा था की वे राजनीति में अपनी किस्मत आजमाएंगे पर हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने एक बात तो साफ कर दी है। उन्होंने कहा राजनीति में मैं अब कभी नहीं आऊंगा। यह पूरी तरह से साफ है और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उनका कहना है की मन और विचार में रजो गुण पर सतो गुण प्रभावी हो गया है, इस कारण विचारधारा भी अलग हो गई है ।

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि ” तपोवर्धन आने का यह मतलब नहीं है कि वे बीमार हो गये हैं। उन्होंने कहा कि शरीर का वजन थोड़ा बढ़ गया था तो सोचा प्राकृतिक रूप से यह जाना और अनुभव किया जाये कि शरीर को कैसे स्वस्थ्य रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तपोवर्धन में चिकित्सा के लिए प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल होता है इसलिए यह बेहद खास और लाभदायक है।”

राजनीति में आने के लिए 2 बार ले चुके है रिटायरमेंट

Gupteshwar Pandey Ex DGP Bihar

शायद अब उन्होंने मान लिया है कि राजनीति उनके वश की बात नहीं। इसलिए उन्होंने नया रास्ता चुन लिया। आपको बता दे की किस्मत ने उनके साथ पहली बार 2009 में दगा की, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के इरादे से रिटायरमेंट लिया लेकिन उनका टिकट नहीं हो पाया। उस वक्त उनकी सर्विस में करीब 12 बचे हुए थे। पर वह उस समय बच गए क्यूंकी नीतीश कुमार के साथ उनकी नजदीकी काम आई। राज्य सरकार ने अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके स्वैच्छिक सेवानिवृति वाले आवेदन को निरस्त कर दिया और उनकी नौकरी में वापसी करा दी थी।

फिर 2020 के विधानसभा चुनाव के वक्त उन्होंने एक बार फिर कोशिश की। इसी बीच सुशांत सिंह केस में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ उनके एक सार्वजनिक बयान ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया था। उन्होंने कहा था कि रिया की इतनी औकात नहीं कि वह बिहार के मुख्यमंत्री पर कॉमेंट करे। सितंबर 2020 में उन्होंने एक बार फिर सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी ।