ना परीक्षा, ना दौड़, ना इंटरव्‍यू और सीधे बन गए दारोगा, डेढ़ माह तक किया ड्यूटी, फिर SP ने ऐसे दबोचा..

न्यूज डेस्क: बिहार में भ्रष्ट पुलिस अफसरों की कमी नहीं है, भ्रष्ट तक तो ठीक था. अब बिहार में फर्जी पुलिस वाले भी मिलने लगे। मतलब, अब यह भी अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि कौन पुलिस ऑफिसर असली है या नकली .. कुछ इसी प्रकार का बकाया मामला बिहार के खगड़िया जिले से आया है, जहाँ से एक फर्जी दरोगा को गिरफ्तार किया गया।

मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के मानसी थाना में पिछले डेढ़ माह तक ड्यूटी करने वाले फर्जी दारोगा बिक्रम कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर, उसे जेल भेज दिया गया। इस संबंध में जिले के एसपी अमितेश कुमार ने इस मामले में मानसी के थानाध्यक्ष दीपक कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई की बात कही है।

फर्जी दरोगा विक्रम कुमार का ID कार्ड

घटना के संबंध में बताया जा रहा है की बेगूसराय जिले के लखनुपर निवासी रामचंद्र सहनी के पुत्र विक्रम कुमार पुलिस विभाग के आंख में धूल झोंकते हुए मानसी थाना में दारोगा बनकर रहे रहे थे। यहां तक कि एसडीपीओ एवं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ कई छापेमारी में भी शामिल रहे। लगातार दारोगा बन ड्यूटी करने के दौरान जैसे ही इसकी पोल खुली तो विक्रम कुमार अचानक गायब हो गया। इसके बाद सदर एसडीपीओ सुमित कुमार ने मामले में जांच शुरू कर दी।

फर्जी दरोगा विक्रम कुमार का (फाइल फोटो)

मामले का खुलासा ऐसे हुआ: बताते चले की मानसी थानाध्यक्ष की मिलीभगत से फर्जी दारोगा के काम करने का खुलासा जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज कुमार मिश्र ने किया था। इस मामले में उन्होंने पहले एसपी, फिर मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेज जांच की मांग की थी। इस मामले से जुड़े कई ऑडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे।