धर्म कर्म : देश भर में दिवाली से पहले धनतेरस का धूम, जानें शुभ मुहूर्त में क्या करें और क्या न करें

न्यूज डेस्क : आप सभी धर्म प्रेमियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं । पांच दिवसीय दिवाली पर्व का प्रारंभ धनतेरस से ही होता है। आपको अवगत कराना चाहूंगा कि 2 नवंबर 2021 मंगलवार को धनतेरस पर्व मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं जो कि धनतेरस पर्व को और भी विशेष बना देते हैं ।

इस दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है त्रिपुष्कर योग में जो भी कार्य किए जाते हैं, उसका तिगुना फल मिलता है। धनतेरस के शुभ अवसर पर एक और विशेष योग बन रहा है जो की तीन ग्रहों की युति से बनेगा। इस दिन सूर्य, मंगल व बुध तीनों ग्रह तुला राशि में गोचर करेंगे। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। यह योग तुला राशि में बन रहा है, जो व्यापार के लिए अति कारक राशि मानी जाती है। मंगल-बुध की युति को व्यापार के लिए बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार धनतेरस मनाने का रहस्य यह है कि समुंद्र मंथन से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में कलश लेकर समुंद्र से प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार माना जाता है। विश्व में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस का पर्व धन, धान्य, समृद्धि के अतिरिक्त स्वास्थ्य,आरोग्यता से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए इस दिन धन के लिए देवी लक्ष्मी व कुबेर और आरोग्य के लिए भगवान धनवन्तरि की पूजा अर्चना की जाती है।

धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 02 नवंबर, 2021 को प्रातः8:47 पर त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी 03 नवंबर, 2021 को प्रातः 07:53 पर समाप्त होगी।

धनतेरस पूजा मुहूर्त सायं मुहूर्त सायं 06:17 पर प्रारम्भ होगा व रात्रि 08:13 तक वृष लग्न रहेगा जोकि स्थिर लक्ष्मी वास के लिए उपयुक्त समय है। दीपावली के 1 दिन पूर्व यम चतुर्दशी रहेगी इस दिन गाय के गोबर अथवा हल्दी आटे का दीपक जला कर दक्षिण दिशा के तरफ जलाना चाहिए। यम दीप सायं 05:30 से 06:53 तक प्रज्वलित कर सकते।

धनतेरस पर क्या करें व क्या ना करें

  1. धनतेरस के दिन भगवान धन्‍वंतरि, मां लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और यमराज की पूजा का विधान हैइस दिन धन्‍वंतरि की पूजा करने से आरोग्‍य और दीर्घायु प्राप्‍त होती है। इस दिन भगवान धन्‍वंतरि की प्रतिमा की पूजा करें।
  2. धनतेरस के दिन मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन संध्‍या के समय घर के मुख्‍य दरवाजे के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का बड़ा दीपक रखकर उसे जलाएं। दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
  3. धनतेरस पर धन के देवता कुबेर की पूजा करने से व्‍यक्ति को जीवन के हर भौतिक सुख की प्राप्‍ति होती है।
  4. धनतेरस के दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा का विधान है मां लक्ष्‍मी के छोटे-छोट पद चिन्‍हों को पूरे घर में स्‍थापित करना शुभ माना जाता है।
  5. घर के मुख्य द्वार पर 14 दीपक जलाएं जो कि यम देवता को समर्पित होता है। धनतेरस पर क्या खरीदें: लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, सोना, चांदी, पीतल, मिट्टी के दीए ,झाड़ू खरीदना अति शुभ फल कारक। इस वर्ष धनतेरस मंगलवार को है इसलिए तांबे की बस्तु को खरीदना अति शुभकारक होगा।

धनतेरस पर क्या न खरीदें धनतेरस पर इन वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए– एल्यूमिनियम का सामान,लोहे की वस्तुएं,नुकीली या धारदार वस्तुएं,प्लास्टिक का सामान,कांच के बर्तन,काले रंग की चीजें इत्यादि।

आचार्य अविनाश शास्त्री
फलित ज्योतिषाचार्य