बिहारी ब्रेन का कमाल – 11वीं के छात्रों ने खोजे 10 क्षुद्रग्रह, नासा ने भी माना लोहा, करेगा सम्मानित..

डेस्क : बिहार में प्रतिभाओं की कोई कमी नही हैं संसाधनों के अभाव के बावजूद यहाँ की प्रतिभाएं विश्व भर में नाम कमाती हैं अभी फिलहाल में बिहार के 2 बच्चे हर्ष और श्रेयस बी चंद्रा ने इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलेबोरेशन (IASC) के तहत 10 क्षुद्रग्रहों की खोज की है. अब NASA ने इन क्षुद्रग्रहों का नामकरण इन बच्चों के नाम पर ही करेगी और इस पर 2 साल तक रिसर्च किया जायेगा. इसके बाद इन्हें अस्थायी प्रमाणपत्र और स्कॉलरशिप आदि योजनाओं का लाभ इन्हें मिल सकता है. वहीं, इन्हें NASA की तरफ से सम्मानित किया जायेगा.

विभिन्न गतिविधियों पर होती है इनकी नजर

NASA की तरफ से इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलेबोरेशन एक कैंपेन है, जो सिटीजन साइंस प्रोग्राम के तहत ही आता है. इसमें विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले देश और विदेश के स्टूडेंट, टीचर, PHD होल्डर और अन्य लोग शामिल होते हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष में होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर नजर भी डाली जाती है. क्षुद्रग्रह किस दिशा में बढ़ रहे हैं, ग्रहों की क्या स्थिति अभी है, अंतरिक्ष में होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर भी नजर रखा जाता है.

इमेज को समझने के साथ MPC रिपोर्ट अहम

गायघाट के रहने वाले हर्ष कक्षा 11वीं के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि NASA ऐसे प्रोग्राम का आयोजन करता है, जिससे अंतरिक्ष के बारे रुचि रखने वाले लोगों को शामिल भी किया जाता है. इसमें रजिस्ट्रेशन के बाद टेस्ट भी देना होता है. एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद एक APP के जरिये सॉफ्टवेयर भी दिया जाता है, जिसकी मदत से अंतरिक्ष की गतिविधियों की जानकारी आती है. हर हफ्ते आपको कुल 6 डाटा शीट पर काम करना होता है.

जुलाई महीने में हुआ था रजिस्ट्रेशन

जब आपको लगता है कि आपने अंतरिक्ष में कोई भी गतिविधि देखी है, उसकी जानकारी NASA की website पर देनी होती है. उसने खुद से 7 और समूह में एक क्षुद्रग्रह की खोज की है. मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले श्रेयस फिलहाल इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैंने इस कैंपेन में जुलाई में उनका रजिस्ट्रेशन किया और 15 दिनों में उनका चयन भी हुआ.