ऑस्ट्रेलिया की टेक्नोलॉजी से जमालपुर में बन रहा बिहार का दूसरा रेल सुरंग, जल्द होगा चालू

न्यूज़ डेस्क : बिहार राज्य के मुंगेर जिले स्थित जमालपुर के पहाड़ियों में राज्य का दूसरा रेल सुरंग का निर्माण तेजी से हो रहा है। यह निर्माण होने से भागलपुर किऊल-सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन और सुगम हो जाएगा। बता दें कि यह रेल सुरंग निर्माण कार्य 2019 के फरवरी में शुरू हुआ था। और इसका निर्माण 2020 के मार्च तक पूरा होना था। परंतु, करोना की बजह से काम में बाधा आई। फिर जून 2020 से काम में तेजी आई है।

अब अधिकारियों की मानें तो यह रेल सुरंग का निर्माण कार्य तकरीबन 90 फीसद तक पूरा कर लिया गया है। और अगस्त 2021 से सुरंग में रेलवे ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो जाएगा। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है की अक्टूबर-नवंबर के बीच यह सुरंग चालू हो जाएगा। बता दें कि इसकी लागत 2019 में 35 करोड़ रुपये थी अभी बढ़कर 52 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। अभी तक जमालपुर और रतनपुर के बीच एक ही लाइन से ट्रेनें गुजरती हैं। यह नए सुरंग बनने के बाद लगभग तीन किलोमीटर बची रेल ट्रैक दोहरीकरण का रास्ता भी पूरी तरह साफ हो जाएगा। सुरंग बनने के बाद अप और डाउन की ट्रेनें जमालपुर और रतनपुर में नहीं फंसेगी। जिससे समय में काफी बचत होगा।

राज्य का पहला रेल सुरंग भी जमालपुर में स्थित है: बता दे की मुंगेर के जमालपुर में ही राज्य का पहला रेल सुरंग मौजूद है। और दूसरा रेल सुरंग का निर्माण भी जमालपुर में ही हो रहा है। पुराने रेल सुरंग का निर्माण आजादी से पहले 1865 में ही अंग्रेजों द्वारा करवाया गया था। और पुराने सुरंग के पास ही नए सुरंग का निर्माण हो रहा है। इस बार नए रेल सुरंग का निर्माण आस्ट्रेलिया की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। चुकी: पांच माह डिजाइन बनाने में समय लगा। रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर रंजीत कुमार ने कहा कि नए सुरंग पहले की सुरंग से अलग बनाया जा रहा है। इसकी डिजाइन भी अलग है। सुरंग के ऊपरी और चारों तरफ के हिस्सों को नया लुक दिया गया है।

नए रेल सुरंग पुराने रेल सुरंग से बड़ा होगा: इस बार जो नए रेल सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। वह पुराने रेल सुरंग की तुलना में थोड़ा बड़ा होगा। बता दें की नए रेल सुरंग की लंबाई लगभग दो सौ फीट ज्यादा है। पुराने सुरंग की लंबाई 710 फीट है। जबकि नए सुरंग की लंबाई 903 फीट है। चौड़ाई भी 10 फीट ज्यादा है। नए सुरंग में पैदल चलने के लिए दोनों तरफ से छह-छह फीट का रास्ता भी बनाया गया है। ताकि सुरंग से गुजरते वक्त कोई ट्रेन भी आ जाए तो दिक्कत नहीं होगी।