Bihar Land Survey : बिहार में जमीन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य भर के 45000 गांवों में जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। यह सर्वे 20 अगस्त से शुरू किया गया है, जिसे 2025 तक पूरा किया जाना है।
ऐसे में बिहार से बाहर किसी शहर में रहने वाले लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनका सर्वे का काम कैसे पूरा होगा, तो चिंता की कोई बात नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऐसे में आप कहीं से भी इससे जुड़ी प्रक्रिया कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
भूमि सर्वे की सभी सेवाएं और सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। इसके लिए घोषणा की तिथि से एक महीने तक स्वघोषणा और वंशावली ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा मिलने जा रही है। साथ ही खानापूरी पर्चा और एलपीएम ऑनलाइन देखने की सुविधा भी मिलेगी।
आप ऑनलाइन दावा-आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। दावा-आपत्ति की रसीद और सुनवाई की तिथि एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी। इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर या भी बिहार सर्वे ट्रैक एप से हो जाएगा।जाना होगा या अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से बिहार सर्वे ट्रैकर एप डाउनलोड करना होगा।
बस आपको इस दिन मौजूद रहना होगा
भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी पूरी की जा सकती हैं। आपको बस उस समय मौजूद रहना होगा जब अधिकारी खेतों में जमीन का निरीक्षण करने आएंगे। ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्वेक्षण प्रक्रिया की सारी जानकारी ग्राम सभा में दी जा रही है.
सर्वेक्षण का काम ऑनलाइन होने से दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों को राहत मिली है। आपको बता दें कि पटना जिले में कुल 1395 राजस्व गांव हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 3005 वर्ग किमी है और सर्वेक्षण का काम पूरा करने के लिए 278 अमीनों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरतभूमि सर्वेक्षण का काम ऑनलाइन या ऑफलाइन करवाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। इसमें जमीन का रकबा, चौहद्दी, खेसरा की जानकारी स्वघोषणा पत्र में देनी होगी। जमाबंदी यानी मालगुजारी रसीद की फोटोकॉपी देनी होगी।
अगर खतियान की कॉपी उपलब्ध है तो उसे भी देना होगा। मृतक जमाबंदी रैयत की मृत्यु की तिथि और मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी देनी होगी। जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन हस्तांतरित की जानी है, उसे मृतक के उत्तराधिकारी होने के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड आदि देना होगा।
अगर किसी जमीन के संबंध में कोई न्यायालयीन आदेश है, तो उसकी मूल प्रति की फोटो कॉपी देनी होगी। इस बारे में विशेष जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के कैंप प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।