Acharya Kishore Kunal Underground Subway

Patna Junction का अंडरग्राउंड सब-वे आचार्य किशोर कुणाल के नाम पर होगा…

Acharya Kishore Kunal Underground Subway : पटना जंक्शन पर बने अंडरग्राउंड सब-वे का नाम आचार्य किशोर कुणाल के नाम पर रखने की दिशा में पहल शुरू हो गई है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि वे इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे और इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी चर्चा करेंगे।

सायण कुणाल ने रखी नामकरण की मांग

Wahin श्रद्धांजलि सभा में आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र और महावीर मंदिर न्यास के सचिव सायण कुणाल ने मांग रखी। मांग यह है कि पटना का पहला अंडरग्राउंड सब-वे, जो सीधे महावीर मंदिर से जुड़ा है, उनके पिता के नाम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहा।

सम्राट चौधरी ने बताए आचार्य कुणाल के योगदान

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल ने धर्म को सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे मानव सेवा से जोड़ा। मंदिरों से मिलने वाले चढ़ावे और प्रसाद की राशि से उन्होंने महावीर कैंसर अस्पताल, महावीर वात्सल्य समेत नौ अस्पतालों की स्थापना करवाई हैं। इससे हजारों गरीब मरीजों को लाभ मिला।

सेवा और मानवता का संदेश

सम्राट चौधरी ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल का कार्य समाज के लिए मिसाल है और देश के अन्य मठ-मंदिरों को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कैंसर पीड़ितों और जरूरतमंदों के लिए किया गया उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

पिता को याद कर भावुक हुए सायण कुणाल

कार्यक्रम के दौरान सायण कुणाल भावुक हो गए। उन्होंने अपने पिता के विचार साझा करते हुए कहा कि वे हमेशा कहते थे कि न राज्य चाहिए, न स्वर्ग और न ही मोक्ष, गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ी साधना है। उन्होंने राजेश खन्ना का प्रसिद्ध संवाद दोहराया, “बाबू मोशाय, जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए।”

श्रवण कुमार पुरस्कार से सात लोग सम्मानित

वहीं इस श्रद्धांजलि सभा में समाज सेवा और माता-पिता की सेवा करने वालों को श्रवण कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस बार सात लोगों को यह सम्मान मिला। खास बात यह रही कि वर्ष 2010 से शुरू हुए इस पुरस्कार के इतिहास में पहली बार किसी बहू को यह पुरस्कार दिया गया।

पहली बार बहू को मिला सम्मान

रामनगरी की पिंकी प्रियदर्शनी सिंह को अपनी सास की निस्वार्थ सेवा के लिए श्रवण कुमार पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा कई अन्य लोगों को भी उनके सेवा और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया।

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