Begusarai Railway Station

बेगूसराय रेलवे स्टेशन ‘हॉल्ट’ जैसा क्यों? अमृत भारत योजना में शामिल होने के बावजूद भी निराशा..

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Begusarai Railway Station : बेगूसराय, जिसे बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है और जो राजस्व के मामले में राजधानी पटना के बाद दूसरे स्थान पर आता है उस जिले का मुख्य रेलवे स्टेशन आज भी उपेक्षा की मार झेल रहा है। बाहरी ढांचा किसी छोटे हॉल्ट जैसा, स्टेशन परिसर की उबड़–खाबड़ जमीन और भीड़ के समय अक्सर गिरकर घायल होते यात्री… वो बेगूसराय रेलवे स्टेशन जिसे कभी वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का सपना दिखाया गया था।

वर्ल्ड क्लास स्टेशन से अमृत भारत योजना तक…पर धरातल पर शून्य काम : करीब तीन वर्ष पहले बेगूसराय स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशनों की प्रथम सूची में शामिल किया गया था। जनवरी 2021 में रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Rail Land Development Authority) ने इसके एकीकृत पुनर्विकास के लिए डीपीआर बनाने का टेंडर भी जारी किया।

इसके बाद जब भारतीय रेल ने अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की, तब बेगूसराय को उसमें भी स्थान मिला। उम्मीद जगी कि अब स्टेशन का कायाकल्प तय है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि चार साल बीत गए, योजनाएँ बदलती रहीं, लेकिन बेगूसराय स्टेशन पर विकास कार्य एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाया।

अनदेखी का शिकार आखिर क्यों?

वर्ल्ड क्लास स्टेशन परियोजना की प्रथम सूची में पूर्व मध्य रेल से शामिल हुए केवल पाँच स्टेशन गया, मुजफ्फरपुर, राजेंद्र नगर, बरकाकाना और बेगूसराय। इनमें गया और मुजफ्फरपुर को बाद में अमृत भारत की दूसरी सूची में भी जगह मिली और 6 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा इनका शिलान्यास भी कर दिया गया। लेकिन उसी सूची में शामिल बेगूसराय का नाम अचानक कार्यक्रम से हटा दिया गया क्यों? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं।

38 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव, पर हावड़ा तक सीधी ट्रेन नहीं : स्टेशन से रोजाना 52 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन सिर्फ 38 जोड़ी ट्रेनें ही बेगूसराय में रुकती हैं। स्थिति यह है कि कोलकाता (हावड़ा) के लिए एक भी सीधी ट्रेन नहीं, जबकि यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोगों को मजबूरी में हाथीदह या बरौनी जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है।

बेगूसराय का कायाकल्प आखिर हो क्यों नहीं रहा?

  • क्या प्रशासनिक उदासीनता इसकी वजह है?
  • क्या राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी इस परियोजना को रोक रही है?
  • क्या योजनाओं की फाइलें केवल कागजों में अटकी हैं?
  • और सबसे महत्वपूर्ण जब वर्ल्ड क्लास की प्रथम सूची में स्टेशन शामिल था, तो शिलान्यास कार्यक्रम में इसका नाम क्यों गायब कर दिया गया?

क्या कभी यह स्टेशन वाकई वर्ल्ड क्लास बनेगा, या यह केवल घोषणाओं में ही चमकता रहेगा?

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