Begusarai News

बेगूसराय : सिमरिया घाट पर स्नान करने के दौरान तीन युवक डूबे, दो की मौ/त; तीसरे की खोज जारी..

Begusarai News : बुधवार को सिमरिया गंगा घाट पर स्नान के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें तीन युवक डूब गए। हालांकि, स्थानीय लोगों और गोताखोरों की तत्परता से एक युवक की जान तो बच गई, लेकिन दो युवकों की डूबने से मौत हो गई। घटना ने एक बार फिर सिमरिया गंगा घाट पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।

मृतकों की पहचान

मृतक युवक की पहचान लाखो थाना क्षेत्र के चक्की टोला निवासी कारी पासवान के पुत्र गौरव कुमार उर्फ गौरी के रूप में हुई है। दूसरे युवक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सुजा गांव के शांति नगर निवासी उमेश शाह के पुत्र धर्मेन्द्र कुमार के रूप में हुई है।

कैसे हुआ हादसा

परिजनों के अनुसार, बुधवार को गौरव, धर्मेन्द्र और उनका एक अन्य दोस्त सिमरिया घाट पर गंगा स्नान के लिए गए थे। स्नान के दौरान तीनों गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। घाट पर मौजूद लोगों ने जब शोर मचाया तो स्थानीय गोताखोर मौके पर दौड़े और एक युवक को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन गौरव और धर्मेन्द्र गहरे पानी में समा गए।

शव की बरामदगी

घटना की सूचना मिलते ही SDRF की टीम और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर पहुंची। काफी मशक्कत के बाद गौरव कुमार उर्फ गौरी का शव बरामद कर लिया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक धर्मेन्द्र कुमार का शव नहीं मिल सका। SDRF की टीम उसकी तलाश में लगातार जुटी हुई है।

स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सिमरिया घाट पर गंगा स्नान के दौरान सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। हालांकि SDRF की टीम तैनात है, लेकिन वह घाट किनारे मौजूद नहीं रहती, जिससे समय पर राहत और बचाव कार्य नहीं हो पाता।

बता दे की स्थानीय गोताखोरों को हटा देने का फैसला भी लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि पहले घाट पर स्थानीय गोताखोर हमेशा मुस्तैद रहते थे और समय रहते डूबते हुए लोगों को बचा लेते थे। लेकिन अब उनकी जगह किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

तीन दिनों में चार मौतें

यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले तीन दिनों में सिमरिया घाट पर डूबने से चार लोगों की मौत हो चुकी है, इसके बावजूद प्रशासन की ओर से ना तो सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है और ना ही घाट की निगरानी बढ़ाई गई है। यह हादसा एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और घाट पर असुरक्षित व्यवस्था की ओर इशारा करता है।

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