बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के तहत कार्यरत जीविका परियोजना के करीब सात हजार जीविका कर्मियों ने मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है। ये सभी कर्मी 05 सितंबर 2025 को पटना के R-ब्लॉक से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पार्टी कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे।
जीविका परियोजना के माध्यम से प्रदेश में लगभग 1.8 करोड़ परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। करीब 1.4 लाख स्थानीय कैडर और 7 हजार जीविका कर्मियों के प्रयासों से आज राज्य में 30 लाख जीविका दीदी ‘लखपति दीदी’ बनने में सफल हुई हैं।
दरअसल, जीविका कर्मियों का कहना है कि उनके काम को देखते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सभी कर्मियों का मानदेय दो गुना करने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 15 अगस्त 2025 को गांधी मैदान से इस फैसले की औपचारिक घोषणा की थी। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने और बजट मिलने के बावजूद सिर्फ स्थानीय कैडरों का मानदेय बढ़ाया गया, जबकि सात हजार जीविका कर्मियों को इससे वंचित रखा गया है।
जीविका कर्मियों का आरोप है कि सरकार के आदेश के बावजूद उनके मानदेय में वृद्धि नहीं की गई। इस वजह से अब वे आंदोलन के लिए मजबूर हैं। आंदोलनरत कर्मियों की यह भी मांग है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर उन्हें ग्रामीण विकास विभाग में राज्य स्तरीय कर्मी का दर्जा दिया जाए।