Begusarai News : साहित्य कला मंच, बखरी के रजत जयंती वर्ष पर रविवार की संध्या एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था की पत्रिका प्रवाह के ‘बखरी साहित्य कला विशेषांक’ का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रो. गौतम त्रिवेदी, विशिष्ट अतिथि प्रो. शिवशंकर प्रसाद सिंह, डॉ. रमेश झा, प्रधान संपादक डॉ. रवींद्र राकेश, अध्यक्ष डॉ. रघुनंदन झा और अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे विष्णुदेव मधुकर ने प्रस्तुत किया। महासचिव डॉ. कैलाश पोद्दार ने स्वागत भाषण देते हुए संस्था की उपलब्धियों का उल्लेख किया। इसके बाद पत्रिका का लोकार्पण किया गया।
पत्रिका संपादक डॉ. रवींद्र राकेश ने बखरी परिक्षेत्र के साहित्यिक विकास की यात्रा को रेखांकित करते हुए प्रवाह विशेषांक की महत्ता बताई। मुख्य अतिथि प्रो. त्रिवेदी ने बखरी की धरती को तंत्र-मंत्र से लेकर साहित्य और कला की स्वतंत्र चेतना की गौरवस्थली बताया। वहीं, डॉ. रमेश झा ने विशेषांक को उन साहित्यकारों की स्मृति संजोने वाला बताया, जिनमें कवि लक्ष्मीनाथ गोस्वामी, चंद्रकांत झा ‘नवेंदु’, विपिन नारायण सिंह, राजबल्लभ राठौर, मुरारी शर्मा और विष्णुदेव यादव जैसे नाम शामिल हैं। प्रो. शिवशंकर प्रसाद सिंह ने भी रंगमंच की परंपरा और स्व. मातादीन भगेरिया से लेकर वर्तमान तक की कला यात्रा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कवियों और वक्ताओं ने अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों से देर रात तक समां बांधे रखा। इनमें मनोहर केसरी, मुकेश केसरी, प्रशांत विप्लवी, रजनीकांत पाठक, संजय कुमार सिंह, विजय पासवान, मनोरंजन वर्मा, राजीव नंदन, राजकुमारी, सुरेश सहनी, भारत भूषण इंडिया, तौकिर आलम, मनीष मोहक और कई अन्य शामिल रहे। प्रशांत विप्लवी की काव्य टिप्पणी और मनीष मोहक की ग़ज़ल ने खासा ध्यान आकर्षित किया।
अतिथियों का स्वागत मिथिला की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप पाग, चादर और माला से किया गया। इस मौके पर डॉ. रमेश झा को उनकी कृति आचार्य उद्भट की अलंकार अवधारणा के लिए ‘नवेंदु शिखर साहित्य सम्मान’ से नवाजा गया। साथ ही प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ ठाकुर ‘अमर’ और हिंदुस्तान के पत्रकार अमित परमार को ‘प्रखर पत्रकार सम्मान’ प्रदान किया गया।