Begusarai News : बेगूसराय जिले की सात विधानसभा सीटों पर चुनावी मुकाबला अब और रोचक हो गया है। मतदान समाप्त होने के बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक, हर जगह अटकलों का दौर तेज है। जिले में एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों के समर्थक अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित बताते हुए चर्चाओं में व्यस्त हैं। राजनीतिक विश्लेषक भी अपनी-अपनी गणना और समीकरणों के अनुसार सीटों के बंटवारे का अनुमान लगा रहे हैं। कहीं चार–तीन, कहीं पाँच–दो तो कहीं छह–एक के दावे किए जा रहे हैं।
सीटवार स्थिति और संभावनाएँ
जिले की अधिकांश सीटों पर सीधा मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के घटक दलों के बीच है। हालात कुछ इस प्रकार हैं:
- बछवाड़ा : कांग्रेस और सीपीआई, दोनों ही महागठबंधन के घटक दल, यहां आमने-सामने हैं। इससे महागठबंधन में वोटों के बिखराव की स्थिति बन रही है, जिसका सीधा लाभ एनडीए को मिल सकता है।
- तेघड़ा : सीटिंग विधायक सीपीआई की राह कठिन दिखाई दे रही है। एनडीए ने मजबूत लड़ाई पेश की है, जिससे मुकाबला कड़ा हो गया है।
- मटिहानी : गोत्र विवाद और एनडीए के वोटों के ध्रुवीकरण के कारण महागठबंधन (राजद) की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। लालटेन (राजद प्रतीक) की लौ यहां कमजोर पड़ती दिख रही है।
- बेगूसराय : कांग्रेस और भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई। दोनों दलों को जीत का भरोसा है और अंतर कितना रहेगा, इस पर चर्चा तेज है।
- बखरी (अनुसूचित सीट) : यहां सीपीआई ‘बाहरी बनाम भीतरी’ मुद्दे को भुना रही है। एनडीए ने मजबूत तैयारी की थी, लेकिन लोजपा प्रत्याशी वोटरों को कितना प्रभावित कर पाए, यह परिणाम तय करेगा।
- चेरियां बरियारपुर : राजद आंतरिक कलह और वोटरों के भाजपा/एनडीए की ओर झुकाव के बावजूद आशावान है। जनसुराज ने यहां एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाई है, जबकि राजद के वोटों में बिखराव भी देखने को मिला।
- साहेबपुरकमाल : यहां एनडीए का दबदबा राजद पर भारी पड़ा है। निर्दलीय उम्मीदवार एनडीए के लिए खतरा बने हैं, जबकि मुस्लिम वोटों के बिखराव से राजद चिंतित है।
जिले की सातों सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय और कुछ जगहों पर बहुकोणीय हो चुका है। किस गठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी, इसका फैसला जनता के वोट और बूथवार गणना से ही साफ होगा। फिलहाल अनुमान और राजनीतिक दांव-पेंच अपने चरम पर हैं।

