बेगूसराय: चर्चित नीट परीक्षा घोटाले में गिरफ्तार हुए डॉ. रंजीत कुमार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वह पिछले एक साल से बेगूसराय मंडल कारा में अनुबंध (कॉन्ट्रेक्ट) पर चिकित्सक के रूप में तैनात था। रंजीत रोजाना समस्तीपुर से बेगूसराय आकर जेल परिसर में चिकित्सा सेवा दे रहा था।
जेल तक ही सीमित थी डॉ. रंजीत की भूमिका
जानकारी के अनुसार, डॉ. रंजीत को करीब एक साल पहले अनुबंध पर जेल डॉक्टर के रूप में बहाल किया गया था। हालांकि, उसकी सेवा केवल जेल परिसर तक ही सीमित थी। बेगूसराय के अन्य मेडिकल संस्थानों या निजी क्लीनिकों में उसकी कोई भूमिका नहीं पाई गई है।
गिरफ्तारी की खबर से मचा हड़कंप
जैसे ही डॉ. रंजीत की गिरफ्तारी की खबर समस्तीपुर से सामने आई, बेगूसराय में यह खबर आग की तरह फैल गई। जिले के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह चर्चा का विषय बन गया। मंडल कारा के सुरक्षाकर्मी भी इस खबर से हैरान नजर आए।
मेडिकल समुदाय में हलचल, सीनियर डॉक्टर ने दी प्रतिक्रिया
बेगूसराय के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. रंजीत बहुत ही जूनियर था और उसका स्थानीय मेडिकल सेक्टर से कोई सीधा संबंध नहीं था। उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान से रंजीत के तार जुड़े होने की बात को भी खारिज किया।
हाल ही में पूरी की थी मेडिकल पढ़ाई
सूत्रों के अनुसार, डॉ. रंजीत ने हाल ही में अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की थी, और इसके बाद ही वह स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल हुआ था। चूंकि उसकी पढ़ाई हाल में पूरी हुई थी, इसलिए नीट परीक्षा प्रणाली और उससे जुड़े संपर्क अभी भी सक्रिय थे, जिससे उसका संभावित कनेक्शन इस घोटाले में सामने आया।