Chaurahi (Begusarai) -

मध्यान्ह भोजन योजना में गड़बड़ी का आरोप, मध्य विद्यालय ऐजनी के प्रधानाध्यापक मोहम्मद असलम निलंबित।

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छौराही(बेगूसराय) :- मध्यान्ह भोजन योजना के संचालन में गंभीर अनियमितताओं के आरोप में मध्य विद्यालय ऐजनी के प्रधानाध्यापक मोहम्मद असलम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्यान्ह भोजन योजना) बेगूसराय के पत्रांक-457, दिनांक 25 सितंबर 2025 के आलोक में यह कार्रवाई की गई है।

सूत्रों के अनुसार, दिनांक 10 जुलाई 2025 को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में इस मामले को उठाया गया था। बैठक में प्रखंड प्रमुख छौराही ने बताया था कि विद्यालय में बच्चों की वास्तविक उपस्थिति से अधिक फर्जी उपस्थिति दर्ज कर मध्यान्ह भोजन योजना की राशि और खाद्यान्न का गवन किया जा रहा है।इसकी जांच बाल विकास परियोजना पदाधिकारी छौराही द्वारा जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कराई गई, जिसमें फर्जी उपस्थितियों की पुष्टि हुई।

मामले की सत्यता हेतु प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गढ़पुरा द्वारा 1 सितंबर 2025 को विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजी और वास्तविक उपस्थिति में 83 बच्चों का अंतर पाया गया।निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कक्षा 1 और 2 के बच्चे एक ही कक्ष में बैठे थे एवं विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक से संबंधित पंजी भी उपलब्ध नहीं कराया गया।

वहीं मौके पर मौजूद वार्ड सदस्य रामशंकर साहू ने भोजन की मात्रा कम दिए जाने की शिकायत भी की।प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार के पत्रांक-2558 (दिनांक 29 अक्टूबर 2013) के अनुसार यदि भौतिक उपस्थिति और मध्यान्ह भोजन योजना के लाभान्वित बच्चों के सात दिनों के औसत में 10% से अधिक अंतर पाया जाता है, तो इसे योजना की राशि एवं खाद्यान्न के दुरुपयोग के रूप में माना जाएगा तथा संबंधित प्रधानाध्यापक के विरुद्ध वसूली व विभागीय कार्रवाई का प्रावधान है।

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट पाया गया है कि प्रधानाध्यापक मोहम्मद असलम द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज कर योजना की राशि और खाद्यान्न का दुरुपयोग किया गया है। इसी आलोक में उन्हें बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 (यथा संशोधित) की कंडिका-9 के तहत निलंबित किया गया है।

निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, चेरिया बरियारपुर निर्धारित किया गया है।साथ ही, उन्हें नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।

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