Begusarai News : शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए केंद्र सरकार की बहुचर्चित ‘पीएम श्री विद्यालय योजना’ के तहत चयनित शाम्हो स्थित ‘कल्याण सिंह प्लस टू विद्यालय’ खुद ही आधारभूत संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। योजना का मकसद भले ही आधुनिक और उत्कृष्ट स्कूल तैयार करना हो, लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट है।
मध्य विद्यालय सरलाही से स्थानांतरित कर भेजे गए 232 बच्चे फिलहाल इसी विद्यालय के पुराने भवन में जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं। हालात यह हैं कि विद्यालय में सिर्फ दो शिक्षक हैं, जो इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को संभालने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। ना तो अतिरिक्त शिक्षक मिले हैं और ना ही बच्चों की पढ़ाई के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
प्रभारी प्राचार्य राजेश सिंह ने बताया कि बच्चों के लिए मिड-डे मील योजना अब तक शुरू नहीं हो सकी है। न रसोइया की नियुक्ति हुई है, न ही रसोई के लिए बर्तन या चूल्हे की व्यवस्था हो सकी है। इसके अलावा किताबें, डेस्क-बेंच, प्रयोगशाला उपकरण और स्मार्ट क्लास जैसी जरूरी सुविधाएं भी नदारद हैं।
विद्यालय के पुराने भवन में पहले से ही प्लस टू और उच्च वर्गों की कक्षाएं संचालित होती रही हैं, ऐसे में अतिरिक्त 232 बच्चों के आने से अव्यवस्था और भी गहरा गई है। सवाल यह उठता है कि जब बुनियादी ढांचा तैयार नहीं था तो पीएम श्री जैसी योजना में इस स्कूल को शामिल करने की हड़बड़ी क्यों की गई?
स्थानीय लोग और अभिभावक सरकार से मांग कर रहे हैं कि अगर योजना के तहत नामांकन हो चुका है, तो कम से कम शिक्षकों की संख्या, भवन विस्तार और जरूरी संसाधनों की व्यवस्था तत्काल की जाए, वरना यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह जाएगी।