बेगूसराय के चमथा घाट, में कल्पवास मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई. यह एक प्राचीन भारतीय संस्कृति की परंपरा है, जो युगों-युगों से कल्प और कल्पान्तर से आ रही है. कल्पवास मेला के दौरान श्रद्धालु कुटिया में रहकर मां गंगा की पूजा-अर्चना करते हैं और मोक्ष प्राप्ति के लिए आस्था की डुबकी लगते है.
आपको बता दे की जिले के बछवाड़ा प्रखंड स्थित गंगा नदी के चमथा घाट पर हर साल की भांति इस साल भी कल्पवास मेले की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस साल 17 अक्टूबर से 16 नवंबर तक कल्पवास मेला लगेगा. कल्पवास को लेकर 12 अक्टूबर को यहां झंडा गाड़ा जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी के कटाव व नदी की धारा में बदलाव के कारण चमथा दियारे में कल्पवास का स्थल बदल गया है. वर्ष 2016 से विशनपुर पंचायत के चिरैयाटोक में कल्पवास मेले का आयोजन कराया जा रहा है. 17 अक्टूबर से पूरे एक माह तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा तट पर पर्णकुटीर में वास करते हुए गंगा स्नान व जप-तप करेंगे. यहां कल्पवास करने वाले श्रद्धालु 2 नवंबर को अन्नकूट पूजा करेंगे. 10 से 15 नवंबर तक मेला महोत्सव होगा.